JUNE 10th - JULY 10th
रामदास जी, जो अब बुढ़े हो गए है। उनके जीवन ने उन्हें बहुत से अलग-अलग तरह के समय दिखाए है, जिनमे कुछ अच्छे है, कुछ बुरे है और कुछ बेहद दर्दनाक भी है। लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर किसी भी समय का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इंसान की कोई भी इच्छा नहीं रह जाती है। उसे इंतजार रहता है तो सिर्फ उसके बुलावे का, जो उपर से आता है। जब भगवान अपने दूतों को भेजते है, और उसे अपने पास बुलाते है और उसे अपने कर्मों की सफाई देनी पड़ती है।
रामदास जी अब सिर्फ इसी बुलावे का इंतजार कर रहे होते है। उन्हें अपने जीवन में किसी भी बात का कोई दुख नहीं है। उन्होने उन सभी को क्षमा कर दिया है, जिन सभी के कर्मों से उन्हें दुख पहुँचा था। उनका मानना है की ऐसा करने से भगवान भी उन्हें उन कर्मों के लिए क्षमा कर देंगे, उनके उन कर्मों से जिससे दूसरों को दुख पहुँचा हो। उनकी इसी सोच ने उनके मन को सन्तोष प्राप्त हुआ है।
जीवन के इस अन्तिम समय में वह किसी को भी किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं देना चाहते है। वह अपने उस अन्तिम समय में सिर्फ एक इंसान से मिलना चाहते है। वह जानना चाहते है की वह जिंदा है की नहीं। वह एक फेरीवाला है। जो रोज सुबह अपने जीवन निर्वाह के लिए खाने-पीने के चीजें बेचता था। आज १५ साल बीत गए। लेकिन वह दिखाई नहीं दिया।
बात उस समय की है। जब समय तेजी से बदल रहा था और देश मे नई-नई फैक्ट्री, कारखाने बनाए जा रहे थे, हर तरफ सड़को का जाल सा बिछ रहा था, नदी पर बाँध बाँधे जा रहे है। हर तरफ यहीं चल रहा था।
रामदास जी के पास पैतृक संपत्ति बहुत थी तो उन्होने खुद को इस नए काम मे लगा दिया और बहुत जल्द वह अपनी बुद्धि और दूरदर्शी के कारण वह एक जाने-माने बिल्डर बन चुके है।
तभी उन्हें एक सरकारी प्रोजेक्ट मिला, जो बहुत बड़ा था। वह एक बाँध बनाने का प्रोजेक्ट था। काफी बड़ा प्रोजेक्ट होने के कारण उन्हें अपने सभी पैसे लगाने पड़े जो उन्होने कमाए थे। शुरूवात में सब काम ठीक-ठाक चल रहा था। लेकिन कुछ दिन बाद उनके काम में अड़चन शुरू होने लगी थी। और अन्त मे उन्होने जैसे-तैसे अपना काम पुरा कर दिया। लेकिन जिस दिन इंस्फेक्शन के लिए सरकारी कर्मचारी आने थे उससे एक दिन पहले उस बाँध मे दरारे आने लगी। जिससे वह बाँध को रिजेक्ट कर दिया। उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा उसमें खर्च हो चुका था।
उसके बाद उन्होंने किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट को नहीं लिया। एक दिन उन्हें उसी फेरीवाले की आवाज सुनाई दी। उन्होने उसे रोका और उससे पूछा
"मैने तुझसे कभी कुछ भी नही खरीदा फिर भी तू रोज शाम को यहाँ से गुजरता है।"
"वैसे आप तो क्या, इस गाँव मे बहुत ही कम लोग कुछ खरीदते है।"
"तो फिर तुम इस गाँव मे क्यों आते है।"
"हम गरीब लोग है, उम्मीद पर जीते है। क्या पता कब आप का मन करें आप मुझसे कुछ खरीदोगे।"
"आप लोग तो हर सामान शहर से खरीदते होगे, सेठ जो हो आप।"
"एक काम कर मुझे वह डबल रोटी की दो पैकेट दे दे।"
वह फेरी वाला उन्हें दो डबल रोटी दे देता है।
"कितने पैसे हुए"
"चार रूपए हुए।"
"शहर मे तो तीन रूपए मे मिलती है।"
"लेकिन आपको यह डबल रोटी गाँव में मिली है।"
रामदास उसे चार रुपए दे देता है। वह उन डबल रोटी को घर लाता है। और उस डबल रोटी को चाय के साथ खाते है। उनके दिमाग मे सिर्फ उस फेरीवाले की बात चल रही होती है।
वह सोचते है की वह फेरीवाला दिन-भर घुमता है, एक गांव से दूसरे गांव और दूसरे गांव से किसी तीसरे... इसी तरह न जाने वह कितने गांव मे जाता होगा। उनमें से सिर्फ कुछ ही लोग उसका समान खरीदते है। मेरा तो सिर्फ एक ही प्रोजेक्ट विफल हुआ है।
इसके बाद वह जल्दबाजी मे एक ओर प्रोजेक्ट को हाथ मे लेते है। जिनमें उन्हें कुछ हानि उठानी पड़ती है। लेकिन वह अपनी राह नहीं छोड़ते है और न ही हताश होते है। इसके बाद उन्हें अधिकतर प्रोजेक्ट मे लाभ होता है। और आज वह एक धनवान व्यक्ति है।
उस दिन उस फेरीवाले की बात ने उनके जीवन को बदल दिया था। वह उसको धन्यवाद देना चाहते थे। लेकिन कभी वह उन्हें दिखाई नहीं दिया। उन्होंने उसे ढूढ़ने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मिला।
शाम ढलने लगी थी। उन्हें घर मे किसी के आने की आवाज आई। उन्होने अपने पोते को आवाज दी; "राहुल, राहुल"
लेकिन कोई भी जवाब नहीं आया। राहुल की उम्र ६ साल है। उन्हें लगा की वह खेलने के लिए बाहर चला गया होगा। फिर उन्हें तीन लोग दिखाई दिए।
वह समझ गए की भगवान का बुलावा आ गया है। उनमें से एक उनके पास आया और बाकी दोनो वही खड़े रहे। उसने कहाँ
"आपको हमारे साथ चलना है।"
"हाँ जरूर, क्या तुम हमारा एक काम करोंगे।"
"क्या?"
"क्या तुम यह चिट्टी कौशल को दे दोगे।"
तभी उन्होंने उस दूत को ध्यान से देखा, वह वही फेरीवाला था। जिससे वह मिलना चाहते थे।
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Laxmi
बहुत अच्छी कहानी
Nitesh More
Bahot acche amit ji. Shukriya
Amit Yadav
Description in detail *
Thank you for taking the time to report this. Our team will review this and contact you if we need more information.
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