JUNE 10th - JULY 10th
घर का काम होते ही महिमा सोफे पर बैठकर सुस्ताने लगी तभी अंकिता उसके पास आकर कहने लगी मम्मी मेरे साथ खेलों ना! दो दिन से सर्दी और जुकाम से परेशान महिमा ने अंकिता से कहा " बेटा तुम दादी और दादाजी के साथ खेलों, मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है।
"नहीं.. मुझे तुम्हारे साथ खेलना है।"
"उफ्फ .. बीमारी में भी चैन नहीं है।" महिमा बुदबुदाई।
अंकिता पांच साल की थी इसलिए ज्यादातर मम्मी के ही ईर्द - गिर्द घूमती रहती। किसी का दुख वो नन्ही क्या समझे। बाल मन बार - बार मम्मी के साथ खेलने की हठ करने लगा। महिमा समझ गई कि बिना खेले अंकिता मानने वाली नहीं है। थोड़ी देर उसके साथ खेलकर, अंकिता को समझा- बुझाकर दादी के साथ खेलने के लिए भेज दिया और अपने सर में खूब सारा तेल चपोड़़ लिया और एक कपड़े से सर को बांध कर कमरे में जाकर लेट गई।
कुछ ही देर बाद अंकिता फिर मम्मी के पास आकर बैठ गई और कहने लगी " मम्मा सर में बहुत तेज दर्द है?
"हां बेटा!"
"रूको मैं दबा देती हूं।" इतना कहकर वो छोटे - छोटे हाथों से महिमा का सर दबाने लगी।
बेटी का प्यार देखकर महिमा ने उसे गले लगाकर बहुत लाड़ किया।
"अच्छा तुम दादी के साथ क्या खेल रही थी?"
"मैं चिड़िया उड़, तोता उड़ खेल रही थी। फिर दादी और दादाजी ने वेइंग मशीन पर अपना वेट चेक किया और मैंने भी। पता है मम्मी मैं ना ट्वेंटी टू केजी की हूं।"
"अरे वाह, ये तो अच्छी बात है।"
"मम्मा आपका वेट कितना है?"
"पता नहीं बेटा! महीने हो गए, मैंने अपना वजन चेक नहीं किया।"
"तो आप भी अपना वेट चेक करो ना!" अंकिता ज़िद करने लगी।
महिमा को पता था कि अंकिता के आगे उसे सरेंडर करना ही पड़ेगा इसलिए उसने बोला ठीक है बेटा, वेइंग मशीन ले आओ। चूंकि वेइंग मशीन इतना हल्के वजन का था कि उसे कोई भी बच्चा आसानी से उठा सकता था इसलिए अंकिता उसे उठा ले आई और सोफे के पास कार्पेट पर रख दिया। महिमा कमरे से उठकर आई और चप्पल निकालकर उस पर जैसे ही खड़ी हुई अपना वजन देखकर उसके होश उड़ गए। उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। उसने दूबारा वजन किया फिर वैसा ही आया। चिंता के मारे उसकी हालत खस्ता हो गई। वो जल्दी से अपने कमरे में लगे ड्रेसिंग टेबल में अपने आपको देखने लगी। उसे तो वो किसी एंगल से भी पतली नहीं दिखी लेकिन वेइंग मशीन में आए अपना वजन देखकर वो ढ़ेर सारी खतरनाक बीमारियों को अपने साथ जोड़कर देखने लगी। उसे बहुत घबराहट होने लगी। मेरे बाद अंकिता का क्या होगा? क्या अमित दूसरी शादी कर लेंगे? हां किसी के मरने पर किसकी दुनिया रूक जाती है। कुछ दिन के शोक के बाद सब नार्मल हो जाता है। महिमा अनाप - शनाप बातें सोचने लगी।
महिमा ने मशीन में आए वजन का फोटो खिंची और उसे अपने दोस्तों के ग्रुप में सेंड कर दिया। कुछ दिनों से सोये पड़े ग्रुप के सदस्य तुरंत जागृत हो गए। सबका बारी - बारी से रिप्लाई आया।
"अरे ! 'बयालीस प्वाइंट पांच' इतना कम वजन। तू डायटिंग कब से कर रही थी?" मीना ने चौंकते हुए कहा।
"ये तो स्लिम हो गई" चौंकते हुए सिखा ने कहा।
"कुछ ज्यादा स्लिम नहीं हो गई? अब तो एक फूंक में ही तू उड़ जाएगी। प्लीज तेज हवा में घर से बाहर मत निकलना।" जिया ने हंसी की इमोजी देते हुए कहा।
अभी बाकि और दोस्तों के मैसेज पढ़ ही रही थी तभी अमित ने दरवाजा खोला। "पापा आ गए, पापा आ गए।" अंकिता खुश होकर पापा के आगे - पीछे घूमने लगी।
"क्या हुआ? तुम्हारा चेहरा इतना उतरा क्यों है?" अमित ने महिमा से पूछा।
" पापा, मम्मी ने अपना वेट चेक किया। पता है मम्मी का वेट फाॅटी - टू है।" अंकिता ने पापा को बताया।
"क्या? ऐसा कैसे हो सकता है?" चौंकते हुए अमित ने कहा।
"हां.. अमित, मुझे लगता है कोई बड़ी बीमारी हो गई है जो अंदर ही अंदर मुझे खोखला कर गई और मुझे पता भी नहीं चला। जल्दी डाॅक्टर के पास चलो, पता नहीं और कितने दिन बचे हैं मेरे पास?" महिमा रूआंसी हो गई।
"क्या बात कर रही हो? अपने आपको देखकर तुम्हें किस एंगल से लगता है कि तुम्हारा वजन फाॅटी - टू है?" अमित ने सवाल किया।
"कुछ तो गड़बड़ है या तो मशीन की बैटरी लो हो गई होगी।" अमित ने सोचते हुए कहा।
"अभी मम्मी और पापा ने भी अपना वजन चेक किया। उनका तो बिलकुल सही था। अंकिता का भी सही ही था। क्या मशीन बस मेरा वजन ही ग़लत बताएगा? मशीन को मुझसे कोई दुश्मनी थोड़ी ना है?" महिमा ने सफाई देते हुए कहा।
अच्छा रूको तुम्हें यकीन नहीं हो रहा है ना तो मैं तुम्हारे सामने अपना वजन करती हूं तब तुमको यकीन हो जाएगा। तुम मुझे कभी सीरियसली नहीं लेते।" इतना कहकर महिमा वेइंग मशीन पर चढ़ गई और इस बार भी रीडिंग बयालीस आया।
"देखा बयालीस आया ना। तुम्हें कभी मेरे बात पर यकीन नहीं होता ना! देख लो सबूत तुम्हारे सामने है।"
"वाह भाई वाह, तुम्हारे दिमाग की दाद देनी पड़ेगी।" अमित ने हंसते हुए कहा।
"क्या हुआ? तुम हंस क्यों रहे हो?" महिमा ने सकुचाते हुए कहा। उसे समझ में आ गया कि जरूर उससे कोई ग़लती हो गई है इसलिए अमित हंसे जा रहा है।
अमित ने वेइंग मशीन को कार्पेट से उठाकर फर्श पर रख दिया और बोला अब खड़ी हो इसपर।
महिमा मशीन के ऊपर खड़ी हुई तो इस बार उसका वजन सत्तर किलो आया। वो झेंप गई।
लेकिन....।
"अरे भाग्यवान, वेइंग मशीन को प्लेन सर्फेस पर रखकर वजन करते हैं, ना कि गद्देदार चीज पर इसलिए इसने गलत रीडिंग ली और तुमने ना जाने क्या - क्या सोच लिया।" अमित ने उसे समझाते हुए कहा।
अपनी ग़लती पता चलने के बाद महिला शर्म से लाल हो गई।
"चलो मैं फ्रेश हो लूं।" अमित ने कहा।
"हां... मैं चाय बनाती हूं।" महिमा ने झेंपते हुए कहा।
"एक्चुअली अगली बार तुम अपना वजन वेइंग मशीन को बेड पर रखकर करना तब तुम्हारा वजन देखकर तुम स्वयं को कुपोषण की शिकार मानने लगोगी।" टांग खिंचते हुए अमित ने कहा और बाथरूम की ओर चला गया।
महिमा ने गुस्से से अमित को देखा।
महिमा चाय बनाते हुए, अपने रीयल वजन का फोटो और कारण ग्रुप में भेजते हुए बताया।
ग्रुप में लाफिंग इमोजी की बहार आ गई।
एक ने लाफिंग इमोजी देकर कहा " अब कलेजे को ठंडक पड़ी।"
कमेंट पढ़कर महिमा ने भी हंसी की इमोजी डाल दी और चाय बनाते - बनाते अपनी बेवकूफी पर खूब हंसी।
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manpreetmak6
बड़ी ही मजेदार रचना लेकिन बिल्कुल भी इग्नोर न करने वाले तथ्य के साथ। वजन चेक करते रहना चाहिए सेहत हमारी जिम्मेदारी है।
amitesh2021
Very nice story
pratham.capri
बहुत ही जबरदस्त लिखा, मुझे बहुत ही पसन्द आयी यह कहानी, उत्तम लेखन
Description in detail *
Thank you for taking the time to report this. Our team will review this and contact you if we need more information.
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