JUNE 10th - JULY 10th
कई तरह की छोटी-बड़ी मशीनों और वैज्ञानिक यंत्रों से भरे उस कमरे में वह युवा साइंटिस्ट अकेला था। गोरा और लंबा क्लीन शेव्ड चेहरा। बड़ी काली आंखें और उन पर बिना रिम वाला पॉवर का चश्मा। जींस पर काली शर्ट और उसके ऊपर वैज्ञानिकों वाला सफेट कोट। इस ड्रेस में वह वैज्ञानिक कम, मॉडल ज्यादा लग रहा था। वह जिस कमरे में बैठा था, वो जमीन से करीब 60 मीटर नीचे थी। उसके सामने शीशे की बड़ी सी खिड़की थी, जिसके पार एक बहुत बड़ा हॉल दिख रहा था। उस हॉल नीचे छह मंजिल जितनी गहराई थी। इस हॉल में आमने-सामने लगी थी, विशाल मोटर के आकार वाली दो मशीनें। सतह से 24 मीटर ऊंची दोनों मशीनें सामने की ओर कई पाइप के माध्यम से एकदूसरे से जुड़ी हुई थीं। पीछे की ओर इन दोनों मशीनों का कनेक्शन दो अलग-अलग पतली पाइप से था। ये पाइप भी आगे बढ़कर आधे से एक मीटर की गोलाई वाली बड़ी पाइपों से जुड़ गई थीं। ये बड़ी पाइप जमीन के नीचे-नीचे ही गोलाकार इलाके में बनी करीब 22 किलोमीटर लंबी सुरंग में घूमकर वापस एकदूसरे से जुड़ी हुई थीं। यह सबकुछ जमीन की ऊपरी सतह के 80 से 90 मीटर नीचे था।
यह पाइप और उस लैब में लगी मशीनें दुनिया की सबसे महंगी वैज्ञानिक परीक्षण का हिस्सा थीं। यह परीक्षण था उस सबसे छोटे कण को खोजने के लिए, जिससे यह दुनिया बनी है। हमारा ब्रह्माण्ड बना है। वो कण जो ब्रह्माण्ड के बनने के वक्त मौजूद थे। वो कण जिससे आज का सबकुछ बना है। वो कण जिसका नाम भी हमें नहीं पता, इसलिए उसे ‘द गॉड पार्टिकल’ कहते हैं। यानी भगवान का बनाया कण।
आज रात भर इन मशीनों से काम लेते रहने की जिम्मेवारी उसी की थी। इन मशीनों की खास बात थी कि वो प्रोटोनों की टक्कर से बहुत ज्यादा मात्रा में उर्जा पैदा कर सकती थीं। बहुत ज्यादा का मतलब बहुत ज्यादा। इतनी कि आम तौर-तरीकों से उसे संभाला न जा सके। उस युवा वैज्ञानिक का काम उन मशीनों से पैदा होने वाली उर्जा को कंट्रोल करना था। गलती की कोई गुंजाइश नहीं थी। उर्जा की इतनी मात्रा बहुत बड़ी तबाही की वजह बन सकती थी।
रात के 12 बजने वाले थे। सामने लगी स्क्रीन्स पर कई तरह का डेटा आ-जा रहा था। उसकी ऊंगलियां भी कभी कीबोर्ड पर तो कभी बगल में लगे पैनल के लाल-पीले बटनों पर दौड़ रही थीं। ठीक 11 बजकर 59 मिनट और 59 सेकेंड बीतते ही 60वें सेकेंड में प्रोटोनों की एक बीम उसके पैरों के नीचे दो मंजिल की गहराई पर बनी 100 फीट ऊंची मशीन से निकलेगी और अगला सेकेंड बीतने से पहले 22 किलोमीटर की दूरी तय कर आपस में टकराएगी।
अभी एक मिनट यानि पूरे 60 सेकेंड का वक्त है। उसने सबकुछ सेट कर दिया है। अगले मिनट में उसे सिर्फ एक ऐसे बटन को दबाना है, जो नीचे लगी मशीन में निकल रही उर्जा का कंट्रोल करेगा। अब वह अपनी कुर्सी पर पीठ टिका कर अगले 60 सेकेंड गुजरने का इंतजार कर रहा है। सामने लगी इलेक्ट्रानिक घड़ी बीप का सिग्नल देती है। वह घड़ी में समय के साथ बदली तारीख भी देखता है।
आज की तारीख उसके लिए कुछ खास है। आज वो दिन है, जिसने उसकी जिदंगी बदल दी थी। आज ही वो हादसा हुआ था, जिसने उसके प्यार को उससे दूर कर दिया था। आज ही वो लड़की, जिसे स्कूल में देखते ही उसे प्यार के एहसास जैसा कुछ हुआ था। वो पलक झपकते एक हादसे का शिकार हो गई थी। वह उस हादसे को रोक सकता था। गर सेकेंड भर पहले उसका हाथ पकड़ अपनी ओर खींच लेता तो…। वह हमेशा उस एक पल के बारे में सोच कर परेशान हो जाता था। क्या होता, अगर उसने अपना हाथ बढ़ाकर उसे अपनी ओर खींच लिया होता…
आज वही तारीख थी। वह अपनी जिंदगी में काफी आगे निकल गया था, लेकिन उस एक पल से कभी बाहर नहीं निकल सका था। इलेक्ट्रिक घड़ी तेजी से बीप करने लगी थी। सामने लगी स्क्रीन्स ब्लैंक हो गई थी। अपने ख्यालों से हड़बड़ाकर बाहर आते हुए उसने सामने लगे लाल बटन को दबाने की कोशिश की, लेकिन बेकार। पॉवर मॉनिटर की रीडिंग रुक गई थी। मतलब प्रोटोंनों के टकराने से निकलने वाली उर्जा बेकाबू हो गई थी। अभी वो कुछ समझ पाता, तबतक बहुत तेज रौशनी बिजली की तरह चमकी। उसकी आंखें बंद हो गईं। वह अपने शरीर में बहुत तेज सनसनाहट महसूस कर रहा था। जैसे किसी रॉकेट के साथ बांधकर छोड़ दिया गया हो। फिर अचानक सबकुछ शांत हो गया। धीरे-धीरे उसने आंखें खोलने की कोशिश की। फिर सामने जो नजारा उसने देखा, ऐसा लगा जैसे वो किसी सपनों की दुनिया में पहुंच गया है।
सपनों की इस दुनिया में वह कहीं हवा में लटका हुआ था। दूर-दूर तक घना अंधेरा था। लेकिन वह रंगबिरंगी चलती-फिरती तस्वीरों से घिरा था। यह रंगबिरंगी चलती-फिरती तस्वीरेंं उसके चारों ओर तैर रही थीं। इन तस्वीरों में वह खुद की ही कहानी देख रहा था। बचपन से लेकर जवानी तक के जो पल उसने जी लिए हैं, वो आंखों के सामने से आ-जा रहे थे।
कहीं किसी तस्वीर में वह अपनी मां के गोद में था। कहीं किसी तस्वीर में अपने पिता का हाथ थामे जाता दिख रहा था। उसने खुद को स्कूल में भी देखा। कॉलेज में भी। मेडल-स्कॉलरशिप लेते भी वह दिखाई दिया। लेकिन वह कुछ और देखना चाह रहा था। बेचैनी से हाथ को आगे-पीछे कर उस तस्वीर तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था, जो उसे अब तक नहीं दिखी थी।
इनके बीच से गुजरते हुए आखिर उसे वो पल मिल ही गया। स्कूल की छुट्टी हो गई थी। वहां से बाहर निकलते वक्त वह सड़क पर उस लड़की के ठीक पीछे खड़ा था, तभी बगल से एक ऑटो तेजी से निकली और फिर अगले ही पल वह लड़की सड़क पर खून से लथपथ पड़ी तड़प रही थी। वह चाहता तो उसका हाथ पकड़ खींच लेता। फिर शायद वह बच जाती। वो आखिरी बार था, जब वह उस लड़की का चेहरा देख रहा था। उसने हाथ बढ़ाकर तस्वीर को छूने की कोशिश की। उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की। उसका हाथ तस्वीर में भंवर बनाते हुए वैसे ही अंदर जाने लगा, जैसे पानी में जाता है। उसने अपना हाथ बढ़ाकर लड़की का हाथ पकड़ लिया। उसे अपनी ओर खींच लिया। इसी वक्त बगल से तेज रफ्तार ऑटो सनसनाते हुए निकल गई।
अचानक ऐसे हाथ पकड़े जाने से लड़की सहम गई। उसने पीछे मुड़कर देखा। चेहरे पर हल्की मुस्कराहट आई और कुछ कहने के लिए मुंह खोलने ही वाली थी, तभी एक और बार तेज रौशनी का धमाका सा हुआ। उसकी आंखें फिर से चौंधिया गईं। इस बार जब खुली तो सामने की तस्वीरें बदल गई थीं। अब उन रंगबिरंगी चलती-फिरती नई तस्वीरों में वह दोनों साथ थे। स्कूल से लेकर कॉलेज तक के पल कई तस्वीरों में कैद होकर सामने से गुजरते गए। एक तस्वीर में उसने खुद को देखा। वह सामने से उसे ही देख रहा था। सामने उसकी आंखों में दुनिया भर की हैरत दिख रही थी। दोनों ने एकदूसरे को छूने के लिए अपना-अपना हाथ बढ़ाया। जैसे ही दोनों की उंगलियों ने एकदूसरे को छुआ, उसे तेज करंट जैसा लगा। फिर से बिजली सी कौंधी। लगा कि वह छिटककर कहीं दूर जा गिरा है। अचानक से फिर उसने आंखें खोली तो खुद को उसी कुर्सी पर बैठा पाया।
कमरा बिल्कुल शांत था। पॉवर मॉनिटर बंद पड़ा था। वो हैरान था, जो भी अभी उसके साथ हुआ। उसे एक-एक बात याद थी। लेकिन यह नहीं समझ पा रहा था कि जो भी अभी उसके साथ हुआ, वो क्या था? क्या वो वाकई किसी दूसरी दुनिया में पहुंच गया था? या कुर्सी पर बैठे-बैठे उसकी आंख लग गई थी और यह सब सपने में हुआ…
#155
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skmukesh1984
रोचक कहानी!! कहने का तरीका अत्यंत प्रभावकारी
hrideshias
बेहतरीन भैया
Parambir.jimmc
अंजनी भैया ... क्या खूब लिखे हैं.
Description in detail *
Thank you for taking the time to report this. Our team will review this and contact you if we need more information.
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