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pranita meshram in
Poetry |
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देखने से लग रहा है,
आज प्रकृति कि छटा बिखर रही है,
परंतु Read More...
Published on Apr 27,2020 09:51 PM
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pranita meshram in
Poetry |
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जलती रही तेर झूठे अभिमान के अंगारों में,
अब लौह बनकर निकलूंगी,
जो छुआ तूने मुझे तो
सबसे बुरा तेरा हश्न करूंगी Read More...
Published on Apr 22,2020 09:12 PM
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pranita meshram in
Poetry |
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देखने से लग रहा है,
आज प्रकृति कि छटा बिखर रही है,
&n Read More...
Published on Apr 22,2020 09:07 PM
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pranita meshram in
Poetry |
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कहते हैं खुदा उनसे ही मिलाता है
जो किस्मत में लिखे होंगे , &nb Read More...
Published on Mar 23,2020 12:34 PM
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pranita meshram in
Poetry |
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तू कमजोर नहीं है, जो
अपने वक्त को यूं गवायेगी।
&nb Read More...
Published on Mar 23,2020 12:22 PM
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pranita meshram in
Poetry |
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हक देती नहीं मैं उन्हें जो कहते हैं,
बेटी पराया धन होती है।
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Published on Mar 23,2020 12:12 PM
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pranita meshram in
Poetry |
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चल निकल प्रथस्त पथ पर,
इस धरती का अभिमान हैै तू।
हृदय भी दे दूँआ जिसे देखकर,
&nb Read More...
Published on Mar 23,2020 12:00 PM
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pranita meshram in
Poetry |
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चल निकल प्रथस्त पथ पर,
इस धरती का अभिमान हैै तू।
हृदय भी दे दूँआ जिसे देखकर,
& Read More...
Published on Mar 23,2020 11:41 AM