लिखे हैं मैंने ख़त तुम्हें वक़्त मिले तो पढ़ लेना इनमें हर पल की याद है,हर याद के हिस्से हैं कुछ मेरे होठों की बात है, Read More...
देख रहा है दूर क्षितिज पर खड़ा सवेरा एकटक उपहास करती स्याह रात्रि को अब जल्द ढलना होगा, मुस्काएगी ज़िन्दगी दुबारा, Read More...
प्रेयसी की आंखों में काजल देख मैं भरमाया सब्र का बांध तोड़ मैं उतर गया, आंखों ही आंखों में, देख यह ललित दृश्य दूर बैठ Read More...
मन है बेचैन इस भीड़ में हमने खुद को तन्हा पाया है रुठ गई हो किस्मत जैसे, काले शैतान समान अंधेरा छाया है एक पल को सुनाई Read More...
महबूब वो जो अपनी मनोरम मुस्कान से उसके सारे दुख मिटाए जो भीड़ में चलते हुए अपनी बांह की आड़ बनाए जो तपती दुपहरी में Read More...
मंत्रमुग्ध हो गया हूं तुम्हारी अदाओं पर तुम्हारे हुस्न के,कुछ यूं चर्चे हज़ार हैं जो दूर रहो तो ध्यान भटकाती है, कर Read More...
आंनद , सुख क्या है? जैसे भोर में सुनाई दे पक्षियों की चहचहाहट, जैसे दिसंबर की सर्दी में धूप की गर्माहट, जैसे वसंत ऋत Read More...
शीत ऋतु की सर्द रात उस मोड़ पर बैठा एक बूढ़ा अर्धनग्न बदन लगभग सत्तर का वो होगा गमछा,डंडा हैं उसके धन ताकता कभी तारो Read More...
तू पर्वत सा विराट खड़ा मैं अभिमान को तेरे देख डरा देख उठा के सर अपना ले नदी मैं बनकर तेरी ओर बढ़ा खोद सुरंग तेरे गुमा Read More...
हां,वह एक लड़का है ख्वाहिशें तो हैं उसकी भी मगर बताने से वह डरता है समाज ने कहा कठोर बनो कभी ना टूटे वो डोर बनो तुम्ही Read More...
क्या हुआ गर कोई तेरे साथ नहीं? क्या हुआ गर मंज़िल अभी पास नहीं? अकेले हीं निकले थे इस मार्ग पर कठिनाइयों से घबराते हो Read More...
निर्भया के पिता आपसे कुछ कहना चाहते हैं। पूजा मैंने कई देवताओं को,धन-धान्य का दान किया तब जाकर देवी के रू Read More...