Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palप्रेम लता उप्पल का जन्म पटिआला , पंजाब में हुआ । उन्होंने अपनी शिक्षा बी. ए . और एम. ए . (इकोनॉमिक्स ) ,पंजाब यूनिवर्सिटी से किया। कॉलेज में उन्हें बेस्ट लेडी ऑफ़ कॉलेज का खिताब भी मिला हुआ है। उन्हें खाली समय में लिखना और पढ़ना बRead More...
प्रेम लता उप्पल का जन्म पटिआला , पंजाब में हुआ । उन्होंने अपनी शिक्षा बी. ए . और एम. ए . (इकोनॉमिक्स ) ,पंजाब यूनिवर्सिटी से किया। कॉलेज में उन्हें बेस्ट लेडी ऑफ़ कॉलेज का खिताब भी मिला हुआ है। उन्हें खाली समय में लिखना और पढ़ना बड़ा ही पसंद है।
लता जी ने पहले भी पुस्तक लिख रखीं हैं ,भजनावली और नितनेम उनकी अगली पुस्तक प्रकाशन के लिए तैयार हैं जिसका नाम दुःख भंजनी रामायण है ।
Read Less...
लेखिका की कलम से
तुलसीकृत श्री रामचरितमानस ज्ञान का भंडार है। इस ग्रन्थ को पढ़ने व सुनने से मनुष्य अवश्य ही भवसागर से
पार हो जाता है ।आज के व्यस्त व भाग दौड़ के जीवन
लेखिका की कलम से
तुलसीकृत श्री रामचरितमानस ज्ञान का भंडार है। इस ग्रन्थ को पढ़ने व सुनने से मनुष्य अवश्य ही भवसागर से
पार हो जाता है ।आज के व्यस्त व भाग दौड़ के जीवन में श्रीरामचरितमानस को जन-जन सहजता से पढ़े , सुने
और समझ कर ज्ञान प्राप्त करें , उस का प्रयास इस पुस्तक " राम - रत्नावली " द्वारा किया गया है।
" राम - रत्नावली " के दो भाग हैं।
प्रथम भाग-"विषयनुवार रामचरितमानस
इस भाग में रामचरितमानस में वर्णित सभी प्रसंगो, घटनाओं आदि को अलग-अलग "विषय" के रूप में प्रस्तुत किया गया है जिसे सरलता से समझा जा सके। सभी 31 विषय उल्लेखनीय, महत्वपूर्ण,ज्ञानवर्धक और रोचक हैं। पढ़ते-पढ़ते ऐसा अनुभव करेगें कि श्री रामचरितमानस में इतना ज्ञान और विवरण है जिसे हमने अभी तक जाना और समझा ही नहीं। " विषयनुसार रामचरितमानस ” को पढ़ के आप अवश्य आनन्दित होगें।
द्वितीय भाग-"संक्षिप्त व सरल रामकथा"
तुलसीकृत श्री रामचरितमानस के क्रमानुसार और उसी भाषा में उल्लेखनीय संवादों के साथ "राम कथा " को सरल व रोचक रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस सरल रामकथा में श्लोक, छंद, दोहे, सोरठे, स्तुति, चौपाइयों का वर्णन नहीं है।
पुस्तक को छपवाने का कार्य पूज्यनीय मोरारी बापू जी का आशीर्वाद लेने के पश्चात ही किया गया। बापू का आशीर्वाद प्रथम पृष्ट पर दिया गया है।
"जय सिया राम"।
एक समय की बात है किसी गांव के सरपंच बस में सफर कर रहे होते हैं और उस बस का एक्सीडेंट हो जाता है। उन को बहुत चोटे लगती ह Read More...
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.