संघर्ष

कथेतर
5 out of 5 (4 Ratings)
Share this story

संजू सुबह बिस्तर से उठा और अपने कमरे की एसी का स्विच बंद करते हुए बड़बड़ाते जा रहा था की ये गर्मी इस साल जान ले के मानेगी गर्मी भी तो मानो अपने घर से परेशान होकर घूमने निकली हो मतलब हर कोई पसीने से तरबतर रहता है , संजू बड़बड़ाते हुए दहलान में आया और टीवी ऑन करके उसमे कुछ देखने लगा तभी उसे याद आया उसने फैन तो ओन ही नही किया और उठकर फैन का स्विच चालू कर दिया , और गर्मी को कोषते हुए बैठकर टीवी देखने लगा ,

तभी अपनी बीवी को आवाज देते हुए बोला आज चाय नहीं मिलेगी क्या , बीवी जो सुबह उठकर पूरे घर में झाडू लगाने के बाद किचन में चाय ही बना रही थी बोली बस आई चाय ही बना रही हूं

दो कप चाय एक खुद के लिए एक संजू के लिए , चाय देकर बैठने ही बाली थी की साहब की फिर फरमाइश आ गई " यार पानी तो पिला देती "

बीवी भी झल्लाते हुए बोली क्या यार जब आई थी तभी बोल देते एक साथ चाय और पानी लिए आती

और ऐसा बोलते हुए पानी लेकर आ गई

संजू जो की अभी हाल में ही तबादला होने के कारण इस शहर में आया था उसे लग रहा था मानो सारा संघर्ष उसी के जीवन में लिखा है ,

हर साल ट्रांसफर फिर सेटल हो नए शहर में फिर अचानक फरमान आएगा की अब फलाना जगह जाना हे , बड़बड़ाते हुए नहाने चला गया और नाश्ता वगेरह करके ऑफिस के लिए निकल गया , अब जैसे ही बाहर निकला मानो सूर्य भगवान उसी का इंतजार कर रहे थे एक मिनट में ही पसीने से सराबोर हो गया और बड़बड़ाते हुए ऑफिस चला गया की एसी गर्मी में भी ऑफिस जाना पड़ रहा , बंदा करे भी तो क्या पापी पेट का को सवाल हे

चूंकि ऑफिस पास ही था तो जल्दी पहुंच गया , अब वो अपने सभी साथियों से मिला और काम में लग गया , थोड़ी देर में उसकी नजर एक लड़की पर पड़ी जो दूर टेबल में अपना सर रखे बैठी थी , उसे देखकर कोई भी समझ जाता की वो परेशान हे

संजू उसके पास गया और बोला क्या हुआ , दीपिका (बीमार लड़की) बोली कुछ नही सर हल्की तबियत खराब लग रही तो थोड़ा बैठी हूं , संजू ने इंसानियत दिखाते हुए कहा अगर ठीक नही लग रहा तो घर चली जाओ पर लड़की ने जाने से मना कर दिया और बोली सर थोड़ी देर से ठीक हो जाएगा

संजू भी अपने कामों में व्यस्त हो गया , और जब एक डेढ़ घंटे बाद उसने देखा की वो लड़की अभी भी वैसे ही बैठी है तो उस लड़की के पास गया और पूछा की क्या हुआ अभी भी ठीक महसूस नहीं कर रही हो क्या

दीपिका : नहीं सर

संजू : फिर आप घर ही चले जाओ

दीपिका : नहीं सर घर थोड़ा दूर हे तो शाम को ही जाऊंगी

संजू को लगा थोड़ा दूर मतलब आसपास कहीं होगा उसने सहसा ही दीपिका से पूछा वैसे कितना दूर हे मैडम

दीपिका: १४ किलोमीटर सर

इतना सुनके संजू थोड़ी देर के लिए चुप हो गया फिर थोड़े समय के बाद दूसरा सवाल करता है , आप आते केसे हो मैडम

दीपिका : साइकिल चला कर सर

दीपिका का इतना बोलना हुआ की संजू एकदम मौन हो गया

उसे समझ नही आ रहा था की सेहत की चिंता करे या उसके संघर्ष की चर्चा

थोड़ी देर की शांति के बाद संजू से रहा नही गया उसने अगला सवाल किया

मैडम कितना टाइम लगता १४ किलोमीटर दूर से यहां आने में वो भी साइकिल चलाकर

दीपिका: एक घंटा बीस मिनट

अब संजू मन ही मन ये सोचने लगा की ये लड़की जो शायद अभी अभी १८ या १९ साल की हुई हे , ये लड़की जो आठ घंटे की जॉब के लिए एक घंटे बीस मिनट एक साइड इतना ही दूसरा साइड मतलब कुल दो घंटे चालीस मिनट साइकिल चलाती हे

अब संजू समझ पा रहा था संघर्ष क्या होता हे ,

और उस लड़की को गौर से देख रहा था की शायद परिवार की जिम्मेदारी ही होगी जो ये लड़की इतना मेहनत कर रही हे और फिर भी उसके चेहरे में कहीं पर भी रत्ती भर शिकायत नहीं दिखती मानो उसे अपना ये संघर्ष दिनचर्या का एक हिस्सा लगता हे

आज संजू एक ऐसी शख्सियत से मिल चुका था जिसकी कहानी ने उसकी शिकायतों की पोटली को बंद कर दिया

आज उसके सोचने का नजरिया बिलकुल ही बदल गया था अब उसे परिस्थितियों से शिकायत नहीं थी

मोटिवेशनल जीवंत कहानियां हमारे आसपास ही होती हैं पर हम उन्हीं की चर्चा करते हैं जो फेमस हो चुकी होती हैं

नजर उठाइए और देखिए बहुत से रियल लाइफ हीरोज आपके आसपास ही हैं आपको किसी बुक्स या मूवी में उन्हें खोजने की जरूरत नहीं हे

Stories you will love

X
Please Wait ...