"गुलखार" यानी की फूल और कांटे। यह एक बदनसीब गरीब लड़की की कहानी है जो किसी का भी दिल पिघला सकती है। उसकी बदनसीबी का आलम यह था कि ना तो मौत ने उसे अपनी आगोश में लिया और न ही जीवन ने उसे जीने दिया। उसके नसीब में ठोकरें ही ठोकरें थीं। जिससे वह कभी भी उभर नहीं पाई। उसके परिवार ने भी उसे धोखा दिया। उसकी कश्ती ना तो किनारों से जुड़ पाई और ना ही डूबी, बस मजधार में ही फंस का रह गई। प्यार, धोखा और रोमांच से भरी है यह कहानी। “गुलखार”