आधे से अधिक विश्व पर राज करने वाले हिन्दू स्वयं आपस में ही एक दूसरे की जड़े काट-काट कर पूरे विश्व से सिमट कर अब भारत में भी अपने अंत की ओर बढ़ रहे हैं। अभी तक तो हिन्दुओं की छवि एक बिखरे हुये समाज वाली है जिसके पास इतिहास तो बहुत प्रभावशाली है परन्तु वर्तमान जयचंदो से भरा हुआ तथा तेजहीन, भविष्य डरावना और विनाश की ओर। हिन्दुओं को संगठित, शक्तिशाली और प्रभावशाली होना ही होगा तभी हिन्दुत्व को बचाया जा सकेगा। 'हिन्दू व्यथा' इसी पर एक विस्तृत चर्चा का प्रयत्न है।&nbs