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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमैंने यह किताब सच्चाई बताने के लिए लिखी हैं, इस कहानी में कोई हीरो या सुपर हीरो नही है। क्योंकि यह किताब मैं COVID-19 के पहले और बाद के अपने और बहुत से मित्रों के अनुभव, समस्याओं और भारत के अतिरिक्त दुनियाँ में आये अच्छे - बुरे बदलाव को सबके सम्मुख लाने के लिए लिखा हूँ। जिसमे अलग - अलग देशों और भारत के विभिन्न राज्यों, शहरों, के लोगों का अनुभव भी शामिल है।इस महामारी में मैंने जो देखा और मेरे अनेक मित्रों, जानने वालों ने जो भी अनुभव किया, मैंने अपने और उनके अनुभव और भावनाओं को इस किताब के माध्यम से व्यक्त करने की कोशिश की है। जिसमे वर्तमान से लेकर भविष्य और ऐतिहासिक बातें भी जानने को मिलेंगी।हमें घमंड़ था, अपनी तरक्की, आधुनिकता और मानव होने पर, "मैं" का अहंकार था, शायद अभी भी है।
जिन्दगी दुनियां समाज सब कुछ एक क्षण में बदल गया। एक अदृश्य न दिखने वाले विषाणु ने। हमारे अंदर के अहंकार को भी। प्रकृति ने हमें सोचने और झुकने पर मजबूर कर दिया।
क्या Corona कोई अजूबा है? नहीं, इसकी खोज तो हमने 1964 में ही कर ली थी। पर अब इतने वर्षो के उपरान्त ये त्रासदी बनकर आया, क्यों? कैसे? इसके पीछे क्या राज है? जिसने हमें घुटनों पर ला दिया।
कि क्या सच में Corona है? या एक साजिश है? इसके पीछे का संपूर्ण इतिहास और सच्ची घटनाएं इस किताब में दर्ज हैं। जिसे पढ़कर आपको यकीन नही आयेगा। एक नई और बहुत ही अनोखी बात ये है कि इस किताब में आपको लेखक के ही नही देश और दुनिया के बहुत से लोगों के विचार जानने को मिलेगा। यह एक किताब नहीं, इतिहास है। जो समय के साथ और भी कीमती होती जायेगी।
अवश्य पढ़े। और विचार करे। यह किताब आपकी जिन्दगी में बहुत से बदलाव ला सकती हैं, कम से कम आपकी सोच अवश्य ही बदल देगी।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.हरीश शर्मा
‘हरीश शर्मा का जन्म अयोध्या उत्तर प्रदेश में हुआ था। विज्ञान में स्नातक की डिग्री रखते हैं, उन्होंने अपनी शिक्षा मुंबई में प्राप्त की, जहाँ वे वर्तमान में अपने परिवार के साथ रहते हैं। हरीश फिल्म राइटर एसोसिएशन के सदस्य भी हैं। और गीत, गजल लिखने के साथ ही धर्म, दर्शन, भारतीय पौराणिक कथाओं के बारे में गहरी समझ रखते हैं। अपनी पहली पुस्तक ‘देवदूत - द गॉड क्रिएशन’ में उन्होंने इन्ही तत्वों को मिलाकर एक कहानी बनाई थी। दुसरी पुस्तक ग़ज़ल की थी ‘मेरे अल्फ़ाज़ हो तुम’ और ‘मृत्यु का वर्ष, The Year of Death, Pandemic’ तीसरी पुस्तक हैं।
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