आलस्य किसी भी व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है, एक आलसी व्यक्ति कभी अपने सर्वश्रेष्ठ को हासिल नहीं कर पाता है।
आलस्य को समाप्त कर दीजिये, नहीं तो यह आपको समाप्त कर देगा।
अपने अंदर छुपे हुए उस व्यक्ति की बात मत सुनिए जो आपको आलस्य करने के लिए कहता है, आलस्य को जितनी जल्दी हो सके समाप्त कर दीजिये।
आलस्य एक आरामदेह मनः स्थिति है, एक बार यदि इसकी आदत लग जाये तब उस व्यक्ति के लिए उस आरामदेह क्षेत्र से निकलना मुश्किल होता है, परन्तु असंभव नहीं होता । आत्मसम्मान सभी को प्यारा होता है, आत्मसम्मान की रक्षा हर कीमत पर की जानी चाहिए, जीवन एक बार मिला है इसे आत्मसम्मान के साथ जियें ।
जीवन में लोगो के सामने कई परेशानियां आती है, परेशानियां का आना स्वाभाविक है। जीवन बिना परेशानियों के असंभव है, इंसान का जन्म भी कई कठिनाईयों के बाद ही होता है।
समस्याएं आये तो जीवन में कई लोग थक हार कर बैठ जाते है, परन्तु जीवन रुकने के लिए नहीं बना है। जीवन में समय किसी के लिए नहीं रुकता, यदि किसी अपने की मृत्यु भी हो जाये तब भी यह नहीं रुकता। जीवन के दोनों पहलु है सकारात्मक भी और नकारात्मक भी, सकारात्मक व्यक्ति इसे हर स्थिति में सकारात्मक रूप में देखते है, वहीं जो लोग नकारात्मक होते है वे हर स्थिति में नकारात्मकता ढूंढ ही लेते है।
मानव जीवन का मिलना किसी सौभाग्य से काम नही है, इस जीवन को भरपूर जिया जाये और इसका दूसरों के लिए सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जाना जरुरी होता है।
जीवन की सार्थकता निरंतर चलते रहने में है, कठिनाई तो आते ही रहती है, मायूस होकर रुक जाना या फिर असफलता मिलने पर हारकर बैठ जाना इस आदत को बदला जा सकता है। जब हम जीवन को समझते है तब हम इसकी सार्थकता को भी समझ पाते है।