बेरोजगारी बहुत ही चर्चित विषय है, और हर कोई आज कल इस विषय पर बात करता है। कोई अच्छी बातें करता है तो कोई बुरी बातें करता है। परंतु बातें तो करते ही हैं। इस पुस्तक में भी लेखक ने अपने मज़ाकी अंदाज में दिखाने का प्रयास किया है कि कैसे बेरोजगारी एक मनुष्य के जीवन पर प्रभाव डालती है और उसके हस्ते खेलते जीवन को तबाह कर देती है।