इस पुस्तक का शीर्षक भारत में सामाजिक न्याय की आवाज़ डॉ0 अम्बेडकर तथा अन्य पुरोधाओं का संघर्ष एवं योगदान है। यह पुस्तक मेरी एक अन्य पुस्तक इंडियन वॉरियर्स ऑफ इक्वलिटी एंड सोशल जस्टिस, दियर लाइफ, स्ट्रगल एंड कंट्रीब्यूशन पर आधारित है। यह पुस्तक भारत में समानता एवं सामाजिक न्याय के मुद्दे को संबोधित करने का प्रयास करती है जो भारत के संविधान का एक केंद्रीय विषय है और जो भारत के संविधान की प्रस्तावना (Preamble) से भी परिलक्षित होता है। इस पुस्तक के माध्यम से सामाजिक न्याय के पक्ष में प्रखर आवाज बुलंद करने वाले प्रमुख योद्धाओं के जीवन संघर्ष एवं उनके योगदान की जानकारी एक साथ देने का प्रयास किया है। यह पुस्तक लिखने का उद्देश्य सामाजिक न्याय के प्रमुख पुराधाओं के जीवन-संघर्ष को एक पुस्तक में समेटना है ताकि पाठकगण को एक पुस्तक के माध्यम से ही इनके जीवन संघर्ष की जानकारी प्राप्त हो सके। 1947 से पहले और बाद में भारत में जन्मे सामाजिक न्याय के लिए प्रखर आवाज़ बुलंद करने वाले 25 महान योद्धाओं के जीवन, संघर्ष और योगदान के विषय में इस पुस्तक के माध्यम से जानकारी देने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक महात्मा गौतम बुद्ध, संत कबीर दास, संत रविदास, महात्मा ज्योतिबा फुले, शाहूजी महाराज, नारायण गुरु, ई.वी. रामासामी नायकर (पेरियार), चौ. छोटूराम, बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर, शहीदे आजम भगत सिंह, डॉ. राम मनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा, राम स्वरूप वर्मा, मान्यवर कांशीराम, बी.पी. मंडल, ललई सिंह यादव, वी.पी सिंह आदि के जीवन, संघर्ष एवं योगदान पर रोशनी डालती है। पुस्तक के 25वें अध्याय में मौलिक अधिकारों, राज्यनीति के निर्देशक सिद्धांतों तथा आरक्षण व्यवस्था पर भरपूर प्रकाश डाला गया है।