वैज्ञानिकता के कारण आज पूरी दुनिया में हिन्दी का वैश्वीकरण हो रहा है। जहां एक ओर इसमें ज्ञान, व्याकरण, मनोरंजन का भंडार है तो दूसरी ओर व्यापार और संचार में भी व्यापक संभावनाएं हैं। इस पुस्तक में हिन्दी के मात्रिक छंद दोहा-चौपाई में रचित 57 चालीसा संग्रहित है, इससे पहले 50 चालीसा भी चालीसा गायन नवाचार पुस्तक में गाज़ियाबाद से प्रकाशित हो चुके हैं। इसमें शैक्षणिक 24, धार्मिक 22, साहित्यकार संबंधित 6 और नारी सम्मान में 5 चालीसा संकलित हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य धर्म, शिक्षा, व्याकरण तथा भारतीय संस्कृति को जन जन तक पहुंचाना है।