कॉरपोरेट वर्ल्ड में एक व्यक्ति को भिन्न भिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।और हर कठिनाई का मात्र एक और कोई सरल उपाय नहीं होता। बहुत बार घी निकालने के लिए उंगली टेढ़ी करनी पड़ती है।और बहुत बार लोगों के कड़े वचनों को भी सुनना पड़ता है सिर्फ और सिर्फ अपना काम निकलवाने के लिए इसीलिए इस पुस्तिका का उद्देश्य है कि आचार्य चाणक्य की कही हुई व्यापार से संबंधित सारी मूल्यवान बातों को सरल शब्दों में समझाया जाए ताकि आपको अपने शत्रु से निपटने की हर चाल आती हो और आप बिना बुरे बने ही दुश्मनों का सामना कर अपनी जीत को अपने वश में कर पाए।