कहानियां तो सबकी जिंदगी में होती है,कुछ कहानियां पूरी हो पाती है तो कुछ अधूरी रह जाती है।कोई कितना भी बढ़ा लेखक क्यों ना हो वह अपनी हर कहानी में कुछ ना कुछ छोड़ ही जाता है। कहानियां तो हर किसी के पास होती हैं, कोई इन्हे भूल जाता हैं तो इसे जिन्दगी भर के लिए अपने पास सजा लेता है और जब बात लेखक की आती है तो लेखक उसे पन्नो में उकेर लेता है॥
चलिए अब पढते हैं दिल-ए-जज़्बात जिसे ३० सहलेखको की सहायता से बनाया गया है॥ जहां हर लेखक ने इस परिभाषा को पूर्ण रुप देने की कोशिश की है॥
रश्मि जोशी द्वारा संकलित किया गया है एवं, सर्विंग यू पब्लिकेशन द्वारा प्रस्तुत क्या गया है।