यह पुस्तक,जिसका शीर्षक "डॉ. बी.आर. अम्बेडकर : भारतीय जन-जीवन के लिए बहु-आयामी परिवर्तनकारी क्रांतिकारी एवं सुधारवादी महान युग पुरुष "है , जो नव राष्ट्र-निर्माण के साथ - साथ विभिन्न क्षेत्रों में डॉ. भीम राव रामजी अम्बेडकर के अभूतपूर्व योगदान पर बहस और विश्लेषण करने का एक अपूर्व और विलक्षण अवसर प्रदान करती है, सभी क्षेत्रों, सभी आयु वर्गो के व्यक्तियों,विद्यार्थियों ,शोधकर्ताओं तथा सामान्य जन मानस के मन-मस्तिष्क में एक नयी जिज्ञासा के साथ- साथ उनके बारे में यह पुस्तक नए आयाम को बढ़ाएगी। उनके पास राष्ट्रवाद और सामाजिक ढांचे और राजनीतिक,आर्थिक और धार्मिक व्यवस्था और दूर दृष्टि के बारे में स्व-निर्मित विचार हैं, जो समकालीन समाज के विभिन्न पहलुओं के निर्माण में योगदान करते हैं। उनके काम का कैनवास यानि क्षेत्र बहुत बड़ा और विस्तृत है जिसको प्रतिविम्बित करना आसान नहीं है ।लेकिन यहाँ पर जिन समस्याओं का समाधान करने की कोशिश किया गया है, वह भारतीय राष्ट्रवाद के उनके दर्शन के दायरे को प्रतिबिंबित करने का एक मामूली प्रयास है। इस पुस्तक में डॉ.अम्बेडकर के सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षिक सुधारों के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास और आधुनिकीकरण के दृष्टिकोण और इसके निष्पादन में उनकी भूमिका और फिलोसोफी को भी शामिल किया गया है। धार्मिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित,बहिष्कृत,मूल निवासियों की दोहरी दासता और सदियों से सम्पूर्ण भारतीय महिलाओं की विविध प्रकार की असहनीय दासता से विमुक्ति के लिए प्रयास, लेखन और पत्रकारिता में उनके योगदान आलावा देश के विकाश और आधुनिकीकरण पर उनके सोच, सिद्धांतो और फिलोसोफी को शामिल किया गया है। उनका कहना था कि हमारा युद्ध धन या शक्ति के लिए नहीं, बल्कि स्वतंत्रता और मानवीय विशिष्टता को पुनः प्राप्त करने के लिए है ।
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners