यह पुस्तक श्रवणबाधित विद्यार्थियों की संवेगात्मक बुद्धि पर आधारित एक महत्वपूर्ण अध्ययन प्रस्तुत करती है। इसमें यह दर्शाया गया है कि ध्वनि-हीन वातावरण में पले-बढ़े विद्यार्थी किस प्रकार भावनात्मक जागरूकता, सहनशीलता, आत्मविश्वास और सामाजिक समझ विकसित करते हैं।विशेष शिक्षा, मनोविज्ञान तथा समावेशी शिक्षा से जुड़े शिक्षकों, शोधकर्ताओं, अभिभावकों और प्रशिक्षकों के लिए यह पुस्तक एक मूल्यवान संसाधन है। इसमें ऐसे प्रभावी शैक्षणिक तरीकों और सहयोगी वातावरण पर प्रकाश डाला गया है जो श्रवणबाधित विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करते हैं।यह पुस्तक सहानुभूति, संवेदनशीलता और समझ विकसित करते हुए समाज में सकारात्मक और समावेशी दृष्टिकोण बनाने की दिशा में एक प्रेरक कदम है।