“जीवन:एक संघर्ष” लोगों द्वारा किये गये संघर्षों पर प्रकाश डालती है| प्रत्येक व्यक्ति अपने तरीके से संघर्ष करता है| कुछ संघर्ष समाज में जीवन बनाये रखने के लिए है तो कुछ संघर्ष परिवार में अपना अस्तित्व बनाये रखने के लिए| लोग विभिन्न सामाजिक क्रम में रह कर एक दूसरे से बंधे हुए हैं| कई बार संसार इन संघर्षों के बारे में नहीं जान पाता है या हम इसकी उपेक्षा करते हैं क्योंकि हम इसमें शामिल नहीं होते| हम उन संघर्षों के बारे में सोच सकते हैं जिनका सामना कोई व्यक्ति अपने आतंरिक जीवन में करता है लेकिन जानवरों का क्या? जानवरों को भी अपना जीवन बनाये रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है क्योंकि लोग आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं| वे अपने परिवार के भावनाओं की परवाह नहीं कर पा रहे हैं, जानवरों को तो रहने ही दे| जानवरों द्वारा अपने जीवन को बनाये रखने के लिए किये गए प्रयासों एवं संघर्षों पर भी यह पुस्तक प्रकाश डालती है| यह अनकही कहानियों का संग्रह है जो हमारे समाज की वास्तविकता को दर्शाता है|
मेरी स्मृतियाँ मुझे मेरे अतीत में ले जाती हैं| मैं विभिन्न शहरों में घुम-घुम कर बड़ी एवं शिक्षित हुई| मैंने लोगों के विभिन्न गुणों यथा रहन-सहन, बात-चीत, खाने-पीने यहाँ तक की गाली देने के तरीका में अंतर को स्पस्ट रूप से महसूस किया|
जब मेरी स्मृतियाँ समय के साथ धूमिल नहीं हुई, तो इच्छा हुए की उन्हें कलमबद्ध कर अन्य लोगों के साथ उन्हें साझा करूँ| मुझे विशवास है कि सुधि पाठकों के जीवन में भी ऐसी कोई न कोई घटनाएँ या स्मृतियाँ अवश्य होंगी| अतः प्रबुद्ध पाठक इन कहानियों से अपना जुड़ाव अवश्य महसूस करेंगे|
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