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KHEL / खेल

Author Name: Parvati Kaal | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

किसी भी खेल का मात्र एक ही नियम है। तू डाल डाल मैं पात पात। तू बिगड़ता ता जा मैं बनाता जाऊंगा।ना तो ये खेल रोकेगा और ना मैं इस खेल को रुकने दूंगा।

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पार्वती काल

पार्वती काल वो है जो जीवन को समझने की कोशिश कर रही है और ऐसा करने के लिए वो पहले से भी लंबे समय से खोए हुए स्वयं की खोज के लिए अपनी खोज पर है, वो स्वयं जो जटिल है फिर भी अपने आप में पर्याप्त है। ताकि सही समय आने पर वो अपने अस्तित्व का एहसास कर सके।

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