यह किताब सामाजिक गतिविधियों के साथ साथ स्वयं पर आधारित है ।इस किताब मे एक स्तर को बताया गया है जो कि अलग अलग मायने में हो सकता है।अनुभव का कुआ स्तर होता है । हम सोचते क्यो है क्या कारण है जब हम दर्द होता है जो हम किस स्तर तक सोच सकते है ।हम क्यो ओर किस प्रकार अपनों ओर परायों से कैसा व्यवहार रखते है और इसके पीछे क्या कारण है इश वारे में भी दरसाया गया है किस अनुभव का कब स्तेमाल किया जाता है और क्यो ये भी बताया गया है
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