"मैं हार जाऊ, ये हो नहीं सकता" यह किताब युवा लेखकों एवं लेखिकाओं को प्रेरित करने के लिए है। आजकल आधुनिक युग के बच्चे बहुत जल्द जिंदगी से हार मान लेते हैं। इनकी टूटी उम्मीद को फिर एक बार जगाने के उद्देश्य से लेखिका ने इस पुस्तक में प्रकाशित विचारों की रचना की है। लेखिका का एकमात्र उद्देश्य लोगों की टूटी उम्मीदों को जगाना है, उनको प्रेरित कर हौसला देना है। जिस वक्त इंसान के सारे रास्ते बन्द हो जाते है, तो उस वक्त इंसान एक सही सलाह के लिए भी तरसता है, उस समय दी हुई एक उचित सलाह इंसान की जिंदगी बदल देती है। हालात चाहे जो भी हो, अपना हौसला ना डगमगाने दे। कोशिश कीजिए, कि कभी भी खुद से हिम्मत मत हारना। ऊपर वाला जिस भी हालात में रखे आप मुस्कुराना ना भूले। परेशानी आने पर दूसरों पर दोषारोपण और ईश्वर को कोसने से अच्छा है, उस समस्या का समाधान ढूंढे, क्योंकि हर समस्या का समाधान होता है, और वो भी हमारे ही हाथ में होता है, किन्तु शर्त ये है कि उसे बाहर निकलने के लिए हिम्मत, जज्बा और बिना कोई बहाने या आनाकानी लिए बिना अपनी काबिलियत पर भरोसा रख निरंतर प्रयास किए जाएं। आप सभी को इस किताब से कुछ ना कुछ प्रेरणा मिलेगी मैं आशा करती हूँ।।