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Pankhudi / पंखुड़ी कहानी संग्रह

Author Name: Suryansh Ranjan | Format: Paperback | Genre : Young Adult Fiction | Other Details

यह किताब अजीबो ग़रीब ज़िंदगी में होते रोज़ अजीबो ग़रीबों चीज़ से प्रेरित है। हमारी काल्पनिक दुनिया कितनी बड़ी हो सकती है इसका अंदाज़ा आपको यह किताब पढ़ने के बाद मिलेगा। इस किताब में कहानियों को इस तरह से काल्पनिक रूप दिया गया है कि आप अपने असल जीवन में भी उन्हें जोड़ पाएँगे।जानवरो की भावनाएँ,लोगों की सोच,काल्पनिक सच,एक जीवन की सीख,कुछ असल जीवन में घटित घटनाएँ मिलेंगी। लेखक में इस किताब में अपने असल जीवन से जुड़ी कुछ घटनाओ को काल्पनिक रूप देने का प्रयास किया है। कुछ कहानियाँ ऐसी भी है जिन्हें हमने किसी लेखक से प्रेरित हो कर लिखा है।कहानियाँ हमारी ज़िंदगी के वो हिस्से है जिनमे हम कुछ पल के लिए ही सही लेकिन जीते ज़रूर हैं। हमारी रोज़ मर्रा की ज़िंदगी में हम ऐसे कई चीज़ें देखते है जिन्हें बाद में अपने स्मृति पटल में सोच कर उसे ख़यालों में जीते है।कुछ घटनाएँ ऐसी होती है जीवन में जिनका हक़ीक़त से कोई वास्ता नहीं होता पर फिर भी हम उन्हें जीने की कोशिश करते है । हम सभी इंसान अपने काल्पनिक जीवन में हमेशा एक कहानी की तरह ज़िंदगी जीना चाहते है। हम लोगों में भी कहानियों से राजकुमार और राजकुमारियाँ ढूँढते है। दुनिया में हर रोज़ की ज़िंदगी हम ऐसे जीना चाहते है जैसे कि वो एक ख़ूबसूरत कहानी हो।हमने अपनी ज़िंदगी में आज तक अच्छी बुरी चीज़ें अपनी ज़िंदगी में देखने से ज़्यादा कहानियों में सुनते है।हमें अपने आने कल की बेहतर होने की आस होती है।हम ये सभी चीज़ें अपने कहानियों से हीं तो ढूँढते है।हम अपने संस्कृति की विरासत को आगे इन कहानियों के ज़रिए हीं अपने आने वाले पीढ़ी को देते हैं।

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सूर्यांश रंजन

सूर्यांश रंजन इतिहास के छात्र है। इन्होंने अपने लेखनी की शुरुआत अपने नवमी कक्षा में की थी।इन्होंने छोटी उम्र से हो रही अपने आस पास की चीज़ों को लिखावट के माध्यम से हमेस सबके सामने रखने की कोशिस की। इनकी पहली किताब लफ़्ज़ों का कारवाँ जिसमें इन्होंने शायरियो और कविताओ को अपने शब्दों में पीरो कर पाठकों के समक्ष रखी।

अपने अगली किताब जिसका नाम पंखुड़ी जिसमें इन्होंने कहानियों को अपने सोच की सागर में डूब कर लिखी है। अजीबो ग़रीब कहानियाँ जो की आपके जीवन के आस पास हो रहे घनटनायों से प्रेरित है।

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