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Preem Sagar / प्रेमसागर

Author Name: Bhanu Priya Devi | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

कहानियां जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। पहले बच्चे लघु कहानियां पसंद करते हैं। इसी माध्यम से बड़े ज्ञान बच्चे की मस्तिष्क में डालते ।कहानी पठन-पाठन से मस्तिष्क विकसित होती है। देश दुनिया की समझ आती है। जो विषय समझने में कठिन होती है। उसे हम कहानी के माध्यम से आसानी से समझ जाते हैं। शब्द भाषा को सुसज्जित करने की ज्ञान मिलती है ।छोटे बच्चे को हम पशु-पक्षी पात्र बना सरलता से ज्ञान भरते हैं। कहानी के माध्यम से कठिन से कठिन विषय वस्तु सरलता से समझ में आती है ।अतः जीवन के लिए कहानी अति आवश्यक  है। पहले कहानी ही हमारे ज्ञान की माध्यम बनती। घर में हम छोटे-छोटे बच्चों को कुछ समझाते हैं ।वह भी तो कहानी है। इसलिए कहानी की उपयोगिता बहुत है अकथनीय, अनन्या ,अवर्णनीय जन्म के चार महा से ही सुनाना शुरू करते मां-पिताजी घर परिवार कहानियां।

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भानु प्रिया देवी

इनका नाम भानुप्रिया देवी है।

देवघर बाबा वैद्यनाथ धाम की वासी हैं। इनकी उम्र 58 साल ये संस्कृत और हिंदी लेखन कविता, लघुकथा, निबंध में रुचि रखती हैं। इनकी लिखी हुई रचनाओं का विषय प्रकृति एवं हर प्रकार का मिश्रित रूप है।

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