“रहगुज़र... बेसम्त सी राहें” चंद लेखकों की रचनाओं का संग्रह है, “ रहगुज़र” मात्र शीर्षक नहीं है अपितु सभी क़लमकारों का सफ़र है I कहते हैं उम्दा सुख़न किसी तआरुफ़ का मोहताज़ नहीं होता। वो फिज़ा में ख़ुशबू की तरह बिखर जाता है। उसको पढ़ा नहीं जाता, महसूस किया जाता है। कुछ ऐसे ही कलमकारों को एक साथ पिरो लाने की कोशिश है 'रहगुज़र'। एक गुलदस्ता है जिसमें हर रंग के गुलों को संजोया गया है। यह किताब, बेसम्त सी राहों के चंद मुसाफ़िरों को साथ लाने का एक प्रयास है, उम्मीद है पढ़नेवालों को सुख़न के अलग-अलग आयामों से रूबरू करवाएगा। पढ़िए और लुत्फ़ उठाईए ।