Share this book with your friends

Ratrichar / रात्रिचर

Author Name: Akki | Format: Paperback | Genre : Young Adult Fiction | Other Details

जब रात गवाही देती है,

और इंसान ही हैवान बन जाते हैं—

तब जन्म लेता है रात्रिचर।

एक आदमी…

जिसने अपराध की दुनिया देखी,

हिंसा सीखी,

और उसी हिंसा से हिसाब चुकाया।

कोठों की अँधेरी गलियाँ,

सत्ता के गंदे राज़,

मासूम बेटियों की टूटी चीखें,

और एक ऐसा बदला

जो कानून नहीं—कर्म देता है।

यह कहानी है दनजु की—

न नायक, न खलनायक,

बस एक इंसान

जो गलत दुनिया में सही करने निकला।

हर पन्ना तेज़,

हर सीन कच्चा और सच्चा,

और अंत—जो आपको चुप करा देगा।

Read More...

Ratings & Reviews

5 out of 5 (1 ratings) | Write a review
Akash Hemel

Delete your review

Your review will be permanently removed from this book.
★★★★★
Sorry we are currently not available in your region.

Also Available On

अक्की

लेखक अक्की एक संवेदनशील और बेबाक कथाकार हैं, जिनकी लेखनी समाज के उन अँधेरे कोनों में उतरती है जहाँ अक्सर लोग नज़रें फेर लेते हैं। उनकी कहानियाँ केवल मनोरंजन नहीं करतीं, बल्कि व्यवस्था, सत्ता और इंसानी प्रवृत्तियों पर तीखे सवाल भी उठाती हैं।

लेखक का लेखन डार्क थ्रिलर, सामाजिक यथार्थ और मनोवैज्ञानिक संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमता है। वे मानते हैं कि हर अपराध के पीछे एक कहानी होती है और हर इंसान के भीतर अच्छाई और बुराई—दोनों का संघर्ष चलता रहता है।

“रात्रिचर” उनका ऐसा उपन्यास है जो हिंसा, बदले और कर्म के माध्यम से समाज का आईना दिखाता है—बिना किसी बनावट के, बिना किसी डर के।

लेखक वर्तमान समय और सामाजिक सच्चाइयों से प्रेरित होकर लिखते हैं और उनकी कहानियाँ पाठक को अंत तक बाँधे रखती हैं।

Read More...

Achievements