जब रात गवाही देती है,
और इंसान ही हैवान बन जाते हैं—
तब जन्म लेता है रात्रिचर।
एक आदमी…
जिसने अपराध की दुनिया देखी,
हिंसा सीखी,
और उसी हिंसा से हिसाब चुकाया।
कोठों की अँधेरी गलियाँ,
सत्ता के गंदे राज़,
मासूम बेटियों की टूटी चीखें,
और एक ऐसा बदला
जो कानून नहीं—कर्म देता है।
यह कहानी है दनजु की—
न नायक, न खलनायक,
बस एक इंसान
जो गलत दुनिया में सही करने निकला।
हर पन्ना तेज़,
हर सीन कच्चा और सच्चा,
और अंत—जो आपको चुप करा देगा।
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