सबके भीतर कहीं न कहीं कोई न कोई कहानी है, जिसे आप सब किसी के सामने कभी रख नहीं पाए है। लेखकों के उभरते मन की बात को सबके सामने प्रस्तुत करने के लिए "सबके हिस्से के किस्से" कला और कलम द्वारा संकलित की गई है। जिसमे अलग अलग राज्य से अलग अलग लेखकों ने अपनी रचनाएं दी है। इस संकलन के माध्यम से सभी ने अपने अपने मन की बात बात कही है । कहानियाँ वही हैं जो हम सबने अपने आस पास देखी हैं और महसूस की हैं। ये लघु कथाएँ हमारे सह- लेखकों के मन के कोने में छुपी वो बातें भी कह जाती हैं जो शायद वो या आप पाठक अपने मन के किसी कोने में रख के भूल जाते हैं। चाहे वो हमारे जीवन से जुड़ा कोई पुराना किस्सा हो या मन में दबी कोई इच्छा। इन लघु कथाओं में सबने अपने किस्से बयाँ किए हैं। कला और कलम के मंच द्वारा हम ऐसे ही किस्से अपने पाठकों से साझा कर रहे हैं।