यह सफरनामा एक किताब तक सिमित नहीं| कागज और कलम का जो रिस्ता है वैसे ही इंसान का किताबो से है| इस किताब को पढ़ लेना ही काफी नहीं उसको समझना और अपने जीवन में लागू करना ज़रूरी है| “सफलता का सफरनामा” के जरिये मुकेश ऑफिशल्स ने ज़िन्दगी के कुछ किस्सों को पंक्तियां में लिखा है और देश, पैसो से ऊपर होती है इंसानियत यह बताया है| पैसो की भाग दौड़ में वो इंसान अपनों को समय देना भूल जाता है और हसीं पलो का आनंद नहीं ले पता| इस किताब में अलग अलग लम्हो पर पंक्तियां लिखी हुई है जिसको मुकेश ने अपनी ज़िन्दगी में जिया है|