मैं, सर्वप्रथम कवि देवेन्द्र चौधरी, जो मेरे बड़े भाई भी हैं, को हिंदी के इस प्रथम काव्य सह गजल संग्रह ‘सफ़र’ के लिए शुभकामनायें प्रेषित करती हूँ l साथ ही उनका आभार व्यक्त करना चाहती हूँ कि उन्होंने मुझे इस संग्रह की भूमिका लिखने का अवसर प्रदान किया l देवेन्द्र चौधरी काव्य लेखन के क्षेत्र में एक चर्चित नाम हैं l उन्होंने काव्य लेखन के साथ-साथ नेटलग्या, बहरत गीत जैसे कुछ नवीन काव्य प्रकार भी गढ़े हैं और छंदबद्ध काव्य लेखन में गहरी पकड़ रखते हैं l कवि देवेन्द्र मराठी भाषी हैं, किन्तु हिंदी, अंग्रेजी, उड़िया भाषा और पोवारी बोली के अच्छे जानकार है l साथ ही इन भाषाओँ में भी काव्य लेखन करते हैं l अब तक इनके मराठी में ‘पणन’ और पोवारी में ‘मन को घाव’ नामक काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं, जिन्हें पाठकों द्वारा काफी पसंद किया गया l देवेन्द्र चौधरी का तृतीय काव्य संग्रह ‘सफ़र’ हिंदी में प्रकाशित पहला काव्य संग्रह है l इसमें कविताओं और गजलों का सह संकलन किया गया है l इस संग्रह में प्रकाशित रचनाएँ उनके जीवन अनुभवों की सहज अभिव्यक्ति है l कवि देवेन्द्र की कविताओं और गजलों में जीवन परिदृश्य की विविधता दिखाई देती है l साथ ही श्मशान जैसी गजलों में सामाजिक दृश्यों की बेलौस सच्चाई भी नजर आती है l जीवन के अनुभवों को सीधी-सरल भाषा में बड़ी ही कुशलता से अपनी गजलों और कविताओं में अंकित किया है l उनकी रचनाएँ हमें अपने जीवन का आइना दिखाती है l संग्रह में प्रकाशित गजलों और कविताओं की भाषा सरल व सहज हैl जिससे भावों का सम्प्रेषण सीधे पाठकों को रचनाओं से जोड़ता हैl इसलिए निश्चित ही पाठक इस संग्रह को पढ़कर तादात्म्य स्थापित कर सकेंगे l