वर्तमान पीढ़ी के दिमाग में चाहे जितना भी ज्ञान हो अगर वो ज्ञान समाज के सही विकास के लिए नहीं होगा या समाज को सही दिशा कि और ले जाने के काबिल नहीं होगा। वो सारा ज्ञान निरर्थक है। उसका समाज में रहना यानी समाज के लिए कुछ भी नहीं करना हैं। समाज को उसके नियम और नियमों में बदलाव उसकी ताकत हमेंशा समाज कों आगे ले जाते हैं। हमें अब पढ़ना है सिखना है। परिवार में रहते हुए पढ़ते हुए मजदूरी करते हुए कैसे और किस प्रकार हम समाज कों आगे ले जा सकते हैं। समाज के लिए ये नहीं सोचना हैं। वो अभी सुरक्षित हैं। समाज के लिए एक अलग ही प्रकार सें सोचना हैं। जिसमें समाज लंबे समय तक सुरक्षित रहे। उसमें हमेशा समाज के विकास के प्रति महत्व बढ़ता रहे। समाज तभी एक नयी उड़ान भरकर अपना नया भविष्य तय कर पायेगा। जिस प्रकार थोड़ा सा ही सही तुम, अपने समाज के लिए जिओ। समाज को आगे बढ़ाने के हित में जिओ। फिर देखना समाज का वो लक्ष्य आप से ही पुरा होगा। ये जिदंगी क्या पता हमारी रहे ना रहे, आने वाले कल में किसी और कि होगी। इसलिए हमें समाज के लिए जिना होगा।