ये कहानी है श्रवण की, जो अपनी बीती जिन्दगी से परेशान होकर अपने गांव जाने के लिये ट्रेन में बैठता है और सफर के दौरान गलती से मिली हुई एक किताब पढ़ना शुरु करता है | उस किताब में चार अलग अलग कहानियां होती हैं जिनसे श्रवण जुड़ता चला जाता है और अंत में एक सच उसे ऐसे पड़ाव पर लाकर खड़ा कर देता है जहां श्रवण खुद को समय के हवाले कर देता है | समय में उलझी हुई कुछ जिन्दगियां जो कहीं न कहीं आपस में जुड़ी हुई हैं, उनकी कहानी जानने के लिये पढ़िये कहानी “समय” |
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