आज के हमारे चारों ओर के माहौल की वजह से हम कहीं ना कहीं, कभी ना कभी उन सभी चीज़ों का शुक्रिया अदा करना भूल जाते हैं जो जाने अनजाने हमारी मदद करते हैं। हम वे सभी चीज़ें भूल जाते हैं जो हमारे पास उपलब्ध हैं, बजाय इसके हम उन सब चीज़ों के लिये चिंतित और विचलित हो उठते हैं जो या तो हमारे पास नहीं हैं या फिर जिसे हम पाना चाहते हैं।
अपनी किताब "शुकराना - अनुभव करें ब्रह्मांड का जादू..." में मैंने इन्हीं सब बातों को विस्तार पूर्वक प्रस्तुत किया है और शुक्रगुज़ार रहने की अनेकों ऐसी सहज विधियां बताई हैं जिसे हम अपनी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में आसानी से अपना सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का आकर्षण अनुभव कर सकते हैं।
यह पुस्तक पूर्णतः निजी घटनाओं और वास्तविक तथ्यों पर आधारित है जिसका लाभ आप सब अवश्य लें!