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vanarraj / वानरराज

Author Name: Sumit Upadhyay | Format: Hardcover | Genre : Literature & Fiction | Other Details

यह किताब रामायण कालीन वानर समाज और उनके राज्य के विषय में एक काल्पनिक कथानक है, इस किताब में वानरों के राजा बाली, उनके भाई सुग्रीव, और बाली की दैवीय पत्नी तारा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। उनके आपसी प्रेम, द्वेष, और संदेह से उत्पन्न वैर को आधार पर उनकी कहानी का सजीव चित्रण किया गया है। उस समय वानर, मानव, देव, और राक्षस कैसे इस धरा पर रहते थे? देव कौन थे? जैसे अनेक प्रश्नों के उत्तर को ढूंढ़ने का प्रयास किया गया है। वानरों के राजा बाली के राज्य और उनके शासन के प्रभावी तरीके का सकारात्मक वर्णन और विश्लेषण किया गया है। उनका अपनी पत्नी और पुत्र के प्रति लगाव, प्रेम, और राजा के सैद्धांतिक जीवन और राज्य की व्यवस्था के प्रति वानर राज बाली की प्रतिबद्धता का विस्तारपूर्वक विश्लेषण किया गया है। तारा का बाली के प्रति आगाध प्रेम, पुत्र, और राज्य के प्रति निष्ठा जिसके कारण हुए सुग्रीव से उनके समझौते के तहत हुए विवाह और उसके बाद बाली, सुग्रीव का बैर और राम के द्वारा बाली वध का वर्णन किया गया है। पूरे घटना-क्रम का एक वानर पात्र, मलंग, और महारानी तारा के माध्यम से एक कहानी या वृतांत की तरह उस समय के चित्रण का प्रयास किया गया है।

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सुमीत उपाध्याय

सुमीत उपाध्याय - छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले, इंजीनियरिंग स्नातक और विभिन्न राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट से संबंधित विभागों में कार्य का अनुभव है । विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में निरंतर लेखन का अनुभव है यह किताब उनके रचनाकर्म रचना कर्म की प्रकाशित उपलब्धियां की फेहरिस्त में यह उनकी छठवीं किताब है । 

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