"मेरा गाँव" मेरी पहली उपन्यास है, इस उपन्यास के माध्यम से कोविड फेज-2 का एक संक्षिप्त चित्रण करने का छोटा सा प्रयास है, साथ ही गोदी मीडिया और एक पत्रकार के बीच की कश्मकश की कहानी।
"बस एक भाड़े का कमरा, दो पैसे की नौकरी, जिल्लत, जद्दोजहद, भाग-दौड़, अपमान, मालिकों के आगे झुक कर खड़ा रहना, ना जाने क्या-क्या फिर भी गांव के लोगों को, शहर क्यों अच्छा लगता है? शायद शहर की चकाचौंध ने गांव की खूबसूरती को ही लील लिया हो।"
ऐसे समय म