You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपुस्तक में संग्रहित सभी कहानियाँ आज के सामाजिक परिवेश में लिखे गए हैं। कहानियों की विषयवस्तु भी आज की चुनौतियों पर केन्द्रित हैं। कहानी वास्तव में समाज की घटनाओं, मनोभाव, परिस्थितियों इत्यादि का काल्पनिक चित्रण है। कहानी हमारी कल्पनाशीलता को मजबूत कर सृजनात्मकता का विकास तो करता ही है साथ ही विविध परिस्थितियों में सोचना, सामने वाले की मानसिक स्थिति को समझने जीवन की जटिलताओं की गुत्थियों को सुलझाने इत्यादि में भी सहयोग करता है । लेखनी के इस प्रयास में जीवन के अथाह अनुभव से ही कुछ अंश चुराकर कहानियों के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ। पुस्तक लेखन हमेशा से एक श्रमसाध्य कार्य तो रहा ही है मगर लेखन क्रम में गुजरने का अपना एक अलग आनंद भी है; जिसमे विवध परिस्थितियों, अनुभवों, विचारों, अंतर्द्वंद्वों इत्यादि से गुजरने का अवसर है। मैं इस अभिलाषा से कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थीगण, जिसमें मैं भी शामिल हूँ, लेखनी में आगें आकर अपनी लेखनी से समाज को कुछ सार्थक देने का प्रयास करेंगें,इस पुस्तक को विद्यार्थीगण को ही समर्पित करता हूँ।
कुमार विमल
कुमार विमल मूलतः पटना बिहार के निवासी हैं। उन्होंने एन.आई.टी. कुरुक्षेत्र से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एम.टेक. किया। तदुपरांत वे रिसर्च फेलो के रूप में डी.आर.डी.ओ. में अनुसन्धान कार्य किए, इसी दौरान वे रिसर्च स्कॉलर के रूप में आई.आई.टी. दिल्ली से भी जुड़े रहें। इसके बाद वे सहायक प्राध्यापक के रूप में दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से जुड़े। फिर वे कनीय अभियंता के रूप में बी.एस.एन.एल. में सेवा दिए। उसके उपरान्त वर्तमान में वे विभागाध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार विभाग के रूप में श्री फणीश्वर नाथ रेणु इंजीनियरिंग कॉलेज, अररिया बिहार में योगदान दे रहें हैं। युवावस्था से ही उनका लगाव लेखनी में रहा। विभिन्न क्षेत्रो में काम करने, विभिन्न जगहों पर रहने इत्यादि ने उनके लेखनी को और मजबूत किया। जिसकी स्पष्ट छाप उनकी रचनाओं में दिखती है।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.