छक्कीलाल ने अपने इस कविता व रचनाओं से हमको यह बताया है कि जीवन में कठिनाइयां हमेशा रूप बदल बदल के आते हैं परंतु हमें इसका कैसे सामना करना है और इन कठिनाइयों से कैसे उभर कर अपना जीवन खुशहाल तरीके से व्यतीत करना है। एक बार जिगनी के राजा लेखक के कारीगरी काम से काफी प्रभावित हुए और उनको राजमहल बुलवाया और उन्हें राज महल में रानी के निवास स्थान में एक रोशनदान बनाने के लिए कहा। लेखक श्री छक्की लाल ने अपनी मेहनत और ईमानदारी के साथ कार्य को प्रारंभ किया और उन्होंने कुछ दिनों में एक सुंदर एवं आकर्षक रोशनदान बनाया जिसको देखकर राजा प्रभावित हुए और उनको राज महल में कारीगरी के कार्य के लिए रख लिया, अब वह महल में कारीगरी करने लगे, उन्हें कविताओं का भी शौक था वह कारीगरी करते समय अपनी कविताएं लोगों को सुनाया करते थे और जब भी उन्हें समय मिलता था तो वे अपनी कविताओं को लिखा करते थे। इस प्रकार वहां अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे।