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Nehru Ji Interview In 2022 / नेहरू जी इंटरव्यू 2022 में

Author Name: Mr Vivek Kumar Pandey | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

शोपींग करके में आया और काफी थका था। तो मैंने सोचा थोड़ा आराम कर लिया जाए । आराम करते - करते नींद लग गई । तभी मैंने सपना देखा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी मेरे सपना में आए थे । वो मुझसे से कहने लगे तुम मेरा इंटरव्यू लो। मैंने उनका इंटरव्यू लिया । यूट्यूब और फेसबुक पर मैंने लाइव कर दिया । पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने मुझ से कहा मैं तुमसे सवाल पूछूंगा। इस इंटरव्यू को पढ़ने से बहुत फायदा होगा एक तों इतिहास जानने को मिलेगा । मुझे भी बहुत मज़ा आया नेहरू जी का इंटरव्यू लेके । इस किताब को लिखने के दौरान कोई भी व्यक्ति, समाज एवं संस्कृति को ठेस नहीं पहुंचाया गया है। यह एक काल्पनिक रचयिता इंटरव्यू है । जिसे विवेक कुमार पांडे शंभूनाथ जी ने लिखा है । 
 

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विवेक कुमार पांडे शंभूनाथ

मेरा नाम विवेक कुमार पांडे  है और मैं एक लेखक हु , में गुजरात के सुरत में निवास  करता हूं.मेरा जन्म ३० सेप्टेंबर २००२ में हुआ था, और मुझे बचपन से एक्टर बनने का सोख रहा है और अभी भी है.। में कभी ये नहीं सोचता की लोग क्या कर रहे हैं में ये सोचता हूं कि में क्या कर रहा हूं, में आज सफल हूं तो अपने पापा की वजह से आज वो रहते तो उन्हें बहुत खुशी होती , वो सदा और हमेशा मेरे साथ रहेंगे.। मेरे रियल लाइफ के सुपरस्टार और सुपर हीरो मेरे प्यारे पापा है । आई लव यू पापा । पापा को मेरे हाथ कि चाय बहुत अच्छी लगती थी ।


 जब उनका मन करता था चाय पीने के लिए तो वो कहते थे । मुझे चाय पीना है कौन बनाएगा मम्मी कहती में बना देती हूं लेकिन पापा कहते नहीं मेरा बेटा बनाएंगा । उसके हाथ कि चाय मुझे बहुत अच्छा लगता है । जब भी काम करके घर आने वाले होते हैं तब मुझे फोन ‌करते है विवेक बेटा बोलो क्या खाओगे सेब ले लु । में कहता ठीक है पापा ले लिजिए । पापा कहते कितना लू ‌एक किलो या 2 किलो ‌। में कहता नहीं पापा सिर्फ में ही खाता हूं भईया और दीदी को फल अच्छा ही नहीं लगता है इसलिए 3 सेब ‌ले लेना । लेकिन पापा मेरे लिए दो तीन किलो फल लेकर आ ही जाते थे । पहले ले ‌लेते फिर मुझे फोन करते । हमेशा ऐसा ही करते थे । 


में ये नहीं कह रहा हूं कि मुझे बहुत ज्यादा प्यार और मानते थे । वो ‌अपने तीनों संतानों को प्यार करते थे । सबसे छोटा तो में ही था घर में , मुझसे बड़ी मेरी बहन और मेरी बहन से भी बडे मेरे भईया । में आज भी वो दिन का इंतजार कर रहा हूं जब पापा मेरे लिए कुछ लेकर आएंगे । मेरे कान तरस रहे है वो आवाज़ सुनने के लिए । लेकिन कहते हैं जो चीज चली जाए वो ‌कभी लौटकर नहीं आती है । आप सभी से निवेदन है आप अपने मम्मी और पापा का ध्यान रखें ।‌ दुनिया में एक ही भगवान है वो है माता ओर पिता । 


में बहुत ही शरारती था बचपन में । मुझे किताब लिखने का शोख बचपन से ही था । जब में तीसरी कक्षा में पढ़ता था । तब से ही किताब लिखता था में और मेरा दोस्त हम दोनों किताब लिखके सभी को दिखाते थे और कहते थे जिन्हें मेरा किताब अच्छा लगे तो अपना हस्ताक्षर कर दे । मेरे अंदर एक बहुत ही खास विशेषता है में किसी के चक्कर में नहीं रहता हूं । कौन क्या कर रहा है करने दो मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता है । मुझे सिर्फ अपने आप पर ध्यान देना है । 

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