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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
बनारस शहर कहने को तो ये महादेव की नगरी है पर यहा मोहब्बत जैसे हवाओ में बहती है। हर किसी का दिल एकदम खरे सोने सा है। बनारस अपने घाटो के, लिए महादेव की भक्ति के लिए और महा आरती के लिए प
बनारस शहर कहने को तो ये महादेव की नगरी है पर यहा मोहब्बत जैसे हवाओ में बहती है। हर किसी का दिल एकदम खरे सोने सा है। बनारस अपने घाटो के, लिए महादेव की भक्ति के लिए और महा आरती के लिए प्रसिद्ध है। मेरी नई कहानी भी यही से शुरू होगी और खत्म भी इसी बनारस के घाट पर होगी।
ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है। इसका सत्य घटनाओं से कोई सबंध नही है । इसमें इस्तेमाल किए गए गीत के बोल सिर्फ पाठक के मनोरंजन लिए उपयोग किए गए हैं।
तू इश्क-द-कलमा मैं इश्क-द-फकीरा तू पावन सी गंगा मैं आशिक सा बंदा तू आग है जवानी की मैं प्यासा हु तेरी उस जवानी का तू ह Read More...
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