Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalI am a student, writer and author I live in Bharatpur, Rajasthan Read More...
I am a student, writer and author
I live in Bharatpur, Rajasthan
Read Less...Achievements
यादो के पीच-ओ-खम में जुदा है हुन्न मेरा केसी से
कहे को घर द्वार रा हुण माई किसि से "
“आज फिर मेफिल साजा ली याडो न की
फ़िर क़ाफ़ास हम न बाना ली यादो के
hijr-o-gham ke sab ghubaar uTth baiTh
यादो के पीच-ओ-खम में जुदा है हुन्न मेरा केसी से
कहे को घर द्वार रा हुण माई किसि से "
“आज फिर मेफिल साजा ली याडो न की
फ़िर क़ाफ़ास हम न बाना ली यादो के
hijr-o-gham ke sab ghubaar uTth baiThe dil meiN
जा कालम हम न उथै ली यादो न ”
"मोहब्बत की बेटियां 'के बाद यह' ग़ज़ल एंड पोएट्री फॉर द यंग एट हार्ट 'श्रृंखला की मेरी दूसरी पुस्तक है। इस खंड में शामिल मेरी पसंद के 11 हैं PUNJABI ग़ज़ल / गीत। लिखे और लिखे गए गीतों को गहरे जुनून और भावनाओं के साथ लिखा। 'जीवन' नामक सड़क पर चमचमाती भावनाओं का मिश्रण हैं। सरल शब्द सीधे दिल से हैं।
साईं बाबा का जन्म 1838 शिरडी में हुआ था वह एक फ़क़ीर गुरु व योगी थे। सांईं बाबा के पिता का नाम परशुराम भुसारी और माता का नाम अनुसूया था जिन्हें गोविंद भाऊ और देवकी अम्मा भी कहा जाता था।
साईं बाबा का जन्म 1838 शिरडी में हुआ था वह एक फ़क़ीर गुरु व योगी थे। सांईं बाबा के पिता का नाम परशुराम भुसारी और माता का नाम अनुसूया था जिन्हें गोविंद भाऊ और देवकी अम्मा भी कहा जाता था। इनके भक्तो ने इन्हे भगवान् का दर्जा दे दिया था। 15 अक्टूबर 1918 (दशहरे के दिन) को बाबा ने शिरडी में समाधि ली थी। उन्होंने दुनिया छोड़ने का संकेत पहले ही दे दिया था, उनका कहना था कि दशहरा धरती से विदा होने के लिए सबसे अच्छा दिन है। वे साधारण लोगों के बीच रहकर ही साधारण जीवन जीना पसंद करते थे। उन्होंने प्रेम, क्षमा, दुसरो की सहायता, दान, संयम, आत्मिक शांति, भगवान ओर गुरु के लिए समर्पण की नैतिक शिक्षा दी। माना जाता हैं साई बाबा ने जीवन भर जरुरत मंदों की सेवा की जिसे लोग चमत्कार भी कहते हैं। बाबा की सेवा में कोई दिखावा नहीं था पर उनके नेक कामों ने हर किसी के दिल में उनके लिए श्रद्धा भाव जाग्रत किये। उनका आदर्श वाक्य था “सबका मालिक एक”। मुस्लिम ओर हिन्दू दोनों ही उनके जीवन काल में ओर उसके बाद भी उनका सम्मान करते हैं।
THIS BOOK TELLS THAT MISUNDERSTANDING OF TWO LOVING COUPLES IN THE VERSION OF SHAYARIES
THIS BOOK TELLS THAT MISUNDERSTANDING OF TWO LOVING COUPLES IN THE VERSION OF SHAYARIES
THIS BOOK TELLS THAT MISUNDERSTANDING OF TWO LOVING COUPLES IN THE VERSION OF SHAYARIES
THIS BOOK TELLS THAT MISUNDERSTANDING OF TWO LOVING COUPLES IN THE VERSION OF SHAYARIES
Mere chacha ji ki shadi delhi m thi m apne chacha ji ki shadi m gyaa jb m whaa paucha to vha meri bhn se meri mulakat hui to mujhe meri bhn ne apni friends se milvayaa or wha par sabhi ne enjoy kiyaa, dance kiya or bhot sari masti ki phir jb m delhi se vapas aarha tha tb meri bhn ki ek friend ne mer Read More...
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.