तुम हर नज़्म में तुम , हर लफ्ज़ में तुम मैं तो ठहरा काफिर पर मुझे निखारती नायाब फरिश्ता तुम ।हर अक्श में तुम ,हर ख् Read More...
मैं राज़ भी तुम्हारा मैं हमराज भी तुम्हारा तुम भय से मुक्त हो मैं उपसर्ग भी तुम्हारा मैं जड़ चेतना भी तुम्हारा Read More...
पहला प्यार "अधूरा हो पूर्ण"यूं तो दीवानगी की कोई हद कोई उम्र नहीं होती।पर जब ये अधूरी हो पूर्ण ही कहलाती तब वो इतिह Read More...
'' आंशिक प्रेम ''यूं तो कहते है न हर सफलता का श्रेय एक स्त्री ही ले जाती हां सही सोच रहे मैं बिल्कुल इसी विषय पे Read More...
प्रेम के पहले चरण स्पष्ट वर्णन है प्रिय यहबयार सा है रंगीन आसमां मन उत्सुकता में गीत कोई रच रही हैइस पल में जो दिख Read More...