Shubh Chintan

The author is an IRS officer of the 1993 batch. He was educated at the AMU and IIT Delhi. He has been awarded appreciation certificates from the President of India for distinguished public services and World Customs Organisation (WCO) for distinguished services in Customs Administration. He has authored eight books of Hindi Ghazals namely oat se man dikhta hai, matakia bhari nahi, sanvaad Ram aur Kanha se, misra misra ghazal ashikaana hui, ek indradhanush shatrangi, ek mangalyaan kavitaon ka, bulbule tasavvur ke and surahi me samundar.Read More...


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मरुथल में रिमझिम

Books by शुभ चिंतन

वो रास्ता कहीं मेरे भीतर से होगा 

जहाँ सामना मेरा ईश्वर से होगा 

                  …

दिलों के अंधेरे भी सूरज मिटाए 

नहीं सिर्फ़ चेहरे ही उजले बनाए 

                        …

हमें सफ

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मरुथल में रिमझिम

Books by शुभ चिंतन

वो रास्ता कहीं मेरे भीतर से होगा 

जहाँ सामना मेरा ईश्वर  से होगा 

                  …

दिलों के अंधेरे  भी   सूरज मिटाए 

नहीं  सिर्फ़  चेहरे ही उजले  बनाए 

                        …

हम

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रूह के सुरूर

Books by शुभ चिंतन

छोड़ो, क्या चाहना वफ़ा तुमसे

क़र्ज़ होते नहीं अदा तुमसे

 

मेरे चेहरे पे शिकन कोई नहीं

ये तो टूटा है आईना तुमसे

                                                                                             ***

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रूह के सुरूर

Books by शुभ चिंतन

छोड़ो, क्या चाहना वफ़ा तुमसे

क़र्ज़ होते नहीं अदा तुमसे

 

मेरे चेहरे पे शिकन कोई नहीं

ये तो टूटा है आईना तुमसे

                                                                                             ***

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सुराही में समुन्दर

Books by शुभ चिंतन

लेखक की क़रीब सौ ग़ज़लों और नज़्मों के इस मेले में ग़ज़ल को ज़िन्दगी में और ज़िन्दगी को ग़ज़ल में उतारने की कोशिश की गई है। ये ग़ज़लें इंसानी ज़िन्दगी के रूहानी पहलुओं को बयाँ कर

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सर दरख़्तों ने कटाए अपने

Books by शुभ चिंतन

ज़िन्दगी भर समेटते ही रहे 
फिर भी पूरा सामान बिखरा है 

झोंपड़ी ने सहेज कर रखा 
महलों में ख़ानदान बिखरा है 

______

ये मोहब्बत की तेज-रौ कश्ती 
जिस्म की हद से गुज़र जाएगी 

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सर दरख़्तों ने कटाए अपने

Books by शुभ चिंतन

ज़िन्दगी     भर   समेटते ही रहे 
फिर भी पूरा सामान बिखरा है 

झोंपड़ी  ने  सहेज   कर  रखा 
महलों में  ख़ानदान बिखरा है 

______

ये  मोहब्बत की तेज-रौ कश्ती 
जिस्म  की हद से गुज़र ज

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शिलाएँ बोलती हैं

Books by शुभ चिंतन

ग़ज़लों में हिन्दी का ज़्यादा से ज़्यादा समावेश कर उन्हें और हिंदुस्तानी और सरल क्यों
ना बनाएँ I इस संग्रह में यही प्रयास कि या है I आज़ा दी का अमृत महोत्सव भी चल रहा
है I कु छ ग़ज

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अशरफियाँ साँसों की

Books by शुभ चिंतन

शायरी उस हिमाक़त का नाम है जो दूसरों के दिलों में बिना इजाज़त ताक - झाँक करती है I 

सफ़र दीवानगी का हो तो फिर मंज़िल नहीं ढूँढे 
किसी काग़ज़ की कश्ती ने कभी साहिल नहीं ढूँढे

----<

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अशरफियाँ साँसों की

Books by शुभ चिंतन

शायरी उस हिमाक़त का नाम है जो दूसरों के दिलों में बिना इजाज़त ताक - झाँक करती है I 

सफ़र दीवानगी का हो तो फिर मंज़िल नहीं ढूँढे 
किसी काग़ज़ की कश्ती ने कभी साहिल नहीं ढूँढे

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शिलाएँ बोलती हैं

Books by शुभ चिंतन

ग़ज़लों में हिन्दी का ज़्यादा से ज़्यादा समावेश कर उन्हें और हिंदुस्तानी और सरल क्यों
ना बनाएँ I इस संग्रह में यही प्रयास कि या है I आज़ा दी का अमृत महोत्सव भी चल रहा
है I कु छ ग़ज

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सुराही में समुन्दर

Books by शुभ चिंतन

लेखक की क़रीब सौ ग़ज़लों और नज़्मों के इस मेले में ग़ज़ल को ज़िन्दगी में और ज़िन्दगी को ग़ज़ल में उतारने की कोशिश की गई है। ये ग़ज़लें इंसानी ज़िन्दगी के रूहानी पहलुओं को बयाँ कर

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बुलबुले तसव्वुर के

Books by शुभ चिंतन

लेखक की क़रीब सौ ग़ज़लों/नज़्मों  की हर ग़ज़ल/ नज़्म जैसे  तसव्वुर (कल्पना) के समुन्दर में उठने वाला एक बुलबुला है जिसकी पहचान इश्क़, विद्रोह, जंग, वेदना, आक्रोश, ख़ुदा, दिल और कायना

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एक मंगलयान कविताओं का

Books by शुभ चिंतन

मानव मन एक अंतरिक्ष की तरह है, असीमित, अनंत, रहस्यमयी और रोमांचकारी किंतु एक व्यवस्था से, एक असीम सत्ता से संचालित I कविताओं का यह संग्रह उस यान की तरह है जो उस अनंत विस्तार में कदम

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एक इंद्रधनुष शतरंगी

Books by शुभ चिंतन

सौ कविताओं का ये संकलन एक इंद्रधनुष की तरह

है पर सप्तरंगी नहीं शतरंगी। इन कविताओं में प्रेम,

विद्रोह , रोष, माँ, बेटी, पिता, बेचैनी, उदासीनता,

देशभक्ति , निराशा, साँस, कली, चाँ

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मिसरा मिसरा गजल आशिकाना हुई

Books by शुभ चिंतन

कविताओं के इस संकलन में विभिन्न तरह के भाव व्यक्त किए गए हैं, इश्क़ यानी प्रेम को दर्शाते हुएl सिर्फ़ महबूब और महबूबा की नहीं है ये कोई मिल्कियत; ख़ुदा और बन्दे के बीच जो रिश्ता है

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ओट से मन दिखता है

Books by शुभ चिंतन

पचास कविताओं का एक छोटा सा संकलन है ये। कविताओं में सभी तरह के भाव व्यक्त किए गए हैं। जो अपने मन में है या इससे जुड़ा हुआ है, उसे शब्द देने का एक प्रयास है। संकलन को और बड़ा भी रखा जा

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