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Vivek SreedharAuthor of Ketchup & CurryAuthor is an officer of 1993 batch of Indian Revenue Service (IRS). He is presently placed as Commissioner GST Gurugram. He is an engineer by qualification having passed out from Aligarh Muslim University (AMU). He has also worked as Assistant Executive Engineer in CPWD Govt. of India. He was awarded Presidential certificate of Appreciation in 2014 on the occasion of Republic day for excellent record of service. He has also been awarded certificate of Merit by World Customs Organization in 2012.
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कविताओं के इस संकलन में विभिन्न तरह के भाव व्यक्त किए गए हैं, इश्क़ यानी प्रेम को दर्शाते हुएl सिर्फ़ महबूब और महबूबा की नहीं है ये कोई मिल्कियत; ख़ुदा और बन्दे के बीच जो रिश्ता है
कविताओं के इस संकलन में विभिन्न तरह के भाव व्यक्त किए गए हैं, इश्क़ यानी प्रेम को दर्शाते हुएl सिर्फ़ महबूब और महबूबा की नहीं है ये कोई मिल्कियत; ख़ुदा और बन्दे के बीच जो रिश्ता है वो भी इश्क़ हैl इन कविताओं में इश्क़ को पूरी तरह उतारने की कोशिश हैI पढ़ने में अच्छी लगेंगी; उनको जिन्हें इश्क़ हो चुका है और उन्हें भी जिन्हें इश्क़ होना बाक़ी हैI
सूफ़ियाना ख़्यालों का शायर था मैं,
मिसरा मिसरा ग़ज़ल आशिक़ी हो गई l
इश्क़ पानी में तेरे हैं क्या खूबियाँ,
चार दिन में हरी ज़िंदगी हो गई l
पचास कविताओं का एक छोटा सा संकलन है ये। कविताओं में सभी तरह के भाव व्यक्त किए गए हैं। जो अपने मन में है या इससे जुड़ा हुआ है, उसे शब्द देने का एक प्रयास है। संकलन को और बड़ा भी रखा जा
पचास कविताओं का एक छोटा सा संकलन है ये। कविताओं में सभी तरह के भाव व्यक्त किए गए हैं। जो अपने मन में है या इससे जुड़ा हुआ है, उसे शब्द देने का एक प्रयास है। संकलन को और बड़ा भी रखा जा सकता था लेकिन उचित यही लगा की छोटा ही रखना ठीक होगा, कविता मुझे एक ऐसी विधा प्रतीत होती है जिसकी संख्या बढ़ाने का कोई बहुत लाभ नहीं है। यही बात मेरे विचार में हर पृथक कविता पर भी लागू होती है जो लिखा हो वो कम हो पर जो उसके द्वारा कहा गया हो वो ज़्यादा हो यही कविता का मंत्र है।
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