JUNE 10th - JULY 10th
आज रीना को काॅलेज से निकलने में कुछ ज्यादा ही देर हो गई थी | अपने ख़यालो में खोए हुए वो कब विंड रोड पर आ गई उसे पता ही नहीं चला |विंड रोड पर उसकी बेस्ट फ्रेंड रूही का हाॅस्टल था | रीना हॉस्टल की बिल्डिंग में घुसने ही वाली थी कि गार्ड ने उसे रोका - अरे रीना दीदी , रूही दीदी तो अपने घर चली गई, सर्दियों की छुट्टियां शुरू हो गई है न |
अरे हाॅं गार्डं अंकल, मैं तो भूल ही गई। अब यहां तक आ ही गई हूॅं तो घर का समान पास वाली दुकान से लेकर चली जाती हूॅं। कहकर रीना मुड़ गई ।
रीना का व्यक्तित्व बहुत आकर्षक था। जितनी वो देखने में सुंदर थी, उससे भी अधिक सुंदर था उसका मन। किसी को परेशानी में देख ले तो उसकी मदद किये बिना नहीं रहती।
सामान लेकर जब वो दुकान से बाहर निकली तो अंधेरा हो चुका था। । वो सोचने लगी - शाॅटकर्ट से जाना ही ठीक होगा | शाॅटकर्ट वाली सड़क का ख्याल आते ही उसके सामने उस पागल भिखारी का चेहरा घूमने लगा, जो हमेशा उस सड़क के किनारे पर बैठा रहता था। सड़क के किनारे बैठा वह हर आने जाने वाले को अपनी बड़ी-बड़ी और डरा देने वाली ऑंखों से घूर-घूर कर देखता। फिर कुछ अजीब ही तरह से हंसता और मन ही मन कुछ बड़बड़ाता। उसके ख्याल से ही रीना सिहर उठी।
है भगवान आज वो पागल वहाँ पर न हो । मन ही मन प्रार्थना करते हुए वो उस सड़क की तरफ बढ़ गई। इस सड़क पर एक आध मकान को छोड़कर सारे गोदाम ही थे इसलिए यह सड़क शाम होते ही सुनसान हो जाया करती थी। रीना ने देखा - आज वो पागल भिखारी वहाँ नहीं था। रीना ने चैन की सांस ली । वैसे तो उस पागल ने कभी कोई ऐसी हरकत नहीं की थी लेकिन कभी-कभी वो रीना के पीछे - पीछे चलने लगता और खास कर तब जब उसे शाम को देर हो जाया करती थी | जब तक वो उस सड़क को पार कर मेन रोड पर नहीं पहुँच जाती, वो उसका पीछा करता। कितना डर जाती थी वो |
रीना अब मेनरोड से थोड़ी ही दूर थी | तभी सड़क के बांई तरफ की तंग गली से किसी के चीखने की आवाज़ आई | , उसके कदम वहीं रूक गए | उसने बांई तरफ अपनी गर्दन घुमाकर देखा | कुछ लोग एक 10-12 साल की लड़की को जबरदस्ती पकड़ कर ले जा रहे थे | इतने में वो रीना की तरफ देख कर चिल्लाने लगी -
Please help me Save me Please गुंडों ने तुरंत पीछे मुड़ कर देखा | रीना का शरीर डर के मारे जड़ हो गया था | लेकिन उन बदमाशों की नज़रें और चेहरे के हाव-भाव देख कर वह समझ गई कि आज वो किसी बड़ी मुसीबत में फंस चुकी है |
अब रीना अपनी सारी हिम्मत जुटा कर भागने लगी | वो बदमाश गली में काफी अंदर थे इसलिए वो फिलहाल उनकी पकड़ से दूर थी लेकिन कब तक | भागते भागते वो अपनी सहेली रूही के हॉस्टल आ पहुंची | वो बिना कुछ सोचे समझे बिल्डिंग में घुस गई और लिफ्ट में चली गई | तभी उसे याद आया रूही तो वहां है ही नहीं | ओह अब मैं क्या करूं , उसने टॉप फ्लोर का बटन दबा दिया | जैसे ही वह छत पर पहुंची उसने देखा गार्ड अंकल अपने मोबाइल की टार्च से छत पर चारों तरफ बिखरे सामान को देख रहे थे | तभी उनकी नज़र रीना पर पड़ी , उन्होंने टॉर्च की रोशनी उसके चेहरे पर डाली - वो हांफ रही थी , उसके चेहरे का रंग उड़ा हुआ था उसकी धड़कनें बहुत तेज चल रही थी |
रीना दीदी , - वे घबरा कर बोले |
रीना ने अपनी उंगली से नीचे सड़क की तरफ इशारा किया | गार्ड अंकल ने देखा सड़क के किनारे दो गुंडे जैसे दिखने वाले लड़के इधर उधर किसी को ढूंढ रहे थे | गार्ड अंकल ने मुड़ कर रीना की तरफ देखा | अब वो सब समझ गए
गार्ड अंकल ने कुछ सोचा, फिर बिजली की तेजी से उठे और छत पर रखी सीढ़ी को उन्होंने पास वाली बिल्डिंग जो कि लगभग तीन फीट की दूरी पर थी और अंडर कन्स्ट्रक्शन थी, उसकी छत से लगा दिया। रीना सीढ़ी पर चढ़ गई , वो थोड़ा ही आगे बढ़ी थी कि उसकी नज़र नीचे गई | नीचे देखकर उसका सिर चकराने लगा | वो चार मंजिल ऊपर थी , हवा में , बस उस सीढ़ी के सहारे | तभी हॉस्टल की सीढ़ियों पर किसी के कदमों की तेजी से चढ़ने की आवाज़ गूंजने लगी | जल्दी कीजिए - गार्ड ने झुंझला कर कहा |
रीना भगवान का नाम लेते हुए आगे बढ़ी और दूसरी छ्त पर कूद गई। उधर सीढियों पर चढ़ते कदमों की आवाज तेज होती जा रही थी। गार्ड ने रीना को बिल्डिंग की सीढियों से नीचे भेज बाहर से ताला लगा दिया और चाबी वहीं एक पत्थर के नीचे छिपा दी | हॉस्टल की छत पर आकर उन्होंने अब सीढ़ी को वापस अपनी जगह पर रखा ही था कि बदमाश छत पर पहुँच गए। उनमें से एक ने झट से बंदूक निकालकर गार्ड की तरफ तान दी और बोला - बता उस लड़की को कहाँ छिपाया है ?
यहाँ कोई लड़की नहीं है साब। सब तो अपने-अपने घर गई हुई हैं, सर्दियों की छुट्टियाँ मनाने। मुझे नहीं पता आप किस लड़की की बात कर रहे हैं। - गार्ड ने जवाब दिया।
बदमाश ने गार्ड की कॉलर पकड़ ली और बंदूक उसके माथे से सटा दी।
रीना सीढ़ियों के झरोखे से सब देख रही थी | अब उसे पछतावा हो रहा था कि उसने गार्ड अंकल को मुसीबत में डाल दिया | तभी उसे गार्ड अंकल की आवाज़ आई - मुझे क्यों मारोगे साब | ये लीजिए मैं आपको हॉस्टल के सारे कमरों की चाबियां देता हूँ आप सबकी तलाशी ले लो | गार्ड अंकल ने जेब से चाबियों का गुच्छा निकाल कर , उनके आगे कर दिया | बदमाशों ने चाबियां ले ली और बंदूक नीचे कर दी |
उन्होंने सारी बिल्डिंग की तलाशी ली लेकिन उन्हें कोई लड़की नहीं मिली | मिलती भी कैसे ? वैसै भी वो किसी के आगे मुंह खोलने की हिम्मत तो नहीं कर पाएगी | -कहकर बदमाश बिल्डिंग से निकल गये | जब वो काफी दूर चले गये तो गार्ड ने हॉस्टल का गेट अंदर से बंद किया और सीधे छत पर चले गये |
रीना ने घर फोन करने के बारे में सोचा तो उसे अहसास हुआ कि भागमभाग में उसका फोन कहीं गिर गया | तभी एक दूसरे विचार ने उसके मन में तूफान उठा दिया - हे भगवान , मेरे अलावा और कोई नहीं जानता कि वो बच्ची कहां है और किस मुसीबत में है | रीना के कानों में उसकी आवाज़ गूंजने लगी -
Please help me Save me Please
उसके ये शब्द रीना की आत्मा पर प्रहार कर रहे थे | तभी गार्ड अंकल ने आकर सीढ़ियों का दरवाजा खोला और कहा - अब वो लोग चले गये , चलिये मैं आप को घर छोड़ देता हूँ |रीना के चेहरे पर अब भी परेशानी छाई थी। गार्ड अंकल के पूछने पर उसने उन्हें सारी बात बता दी और उसने अपने घर वालों का नंबर दिया और कहा - आप मेरे घर फोन कर दीजिए। मुझे उस लड़की के पास जाना होगा।' गार्ड अंकल ने हैरानी से कहा- अभी-अभी आप उस मुसीबत से बची हैं और अब खुद चलकर खतरे के पास जा रही हैं।
ये बोझ अपनी आत्मा पर लेकर मैं नहीं जी पाऊंगी। - रीना ने झुंझलाते हुए कहा। मुझे जाना ही होगा। गार्ड ने एक तेज धार वाली छुर्री देकर कहा - इसे रख लीजिए, अच्छा होता आप थोड़ी देर रुक जाती, हम पुलिस को बुला लेते |
रीना ने कहा- इतना वक्त नहीं है, अगर इतनी देर में वो उस लड़की को कहीं और ले गए तो हम उसे कभी नहीं ढूंढ पायेंगे कहकर रीना चली गई
रीना छिपते - छिपाते उस जगह पहुँच गई जहाँ उसने उस लड़की को देखा था। तभी उसका ध्यान एक घर के दरवाजे पर गया जिस पर बाहर से ताला लगा था लेकिन उसके निचले सिरों से रोशनी बाहर आती दिख रही थी। तभी उसे अंदर से किसी के रोने की दबी-दबी आवाज आने लगी। अब उसे विश्वास हो गया हो न हो वो लड़की यहीं कहीं आस पास ही है
उसे गली के किनारे कुछ खाली कैरेट पड़े दिखाई दिए। वो उन्हें एक के ऊपर एक रख उनके सहारे दीवार पर चढ़ गई। खामोशी से वो घर के अंदर कूद गई। वहां एक और गेट था । रीना दरवाजा खोल अंदर चली गई। एक कोने में कुर्सी से बंधी हुई वो लड़की उसे दिखाई दी।उसके हाथ पैर रस्सी से बंधे थे, उसके मुंह पर भी पट्टी बंधी थी | रीना ने उसके मुंह से पट्टी उतारी और अब छुर्री से उसके हाथ- पैरों की रस्सियां काटने लगी | उसको रोते देख रीना की आंखों से भी आंसु बहने लगे | रीना ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा - मुझे माफ करदो, मैं तुम्हें छोडकर भाग गई | वैसे तुम्हारा नाम क्या है ? कुहू - लड़की ने जवाब दिया | रीना ने कुर्सी को उसी जगह पर दीवार से लगा कर रख दिया जहां से वो आई थी |
तभी अचानक से घर का दरवाजा खुला और कोई अंदर घुसा वो उन्ही दो बदमाशों मे से एक था जो रीना के पीछे भागे थे। तब तक बाकी तीनों बदमाश भी वहां आ गए। रीना ने कूहू का हाथ कस कर पकड़ लिया। रीना को देखकर बदमाशों का लीडर जोर-जोर से हँसते हुए बोला- ये तो भाग गई थी न, वापस क्यों आई? जान प्यारी नहीं है क्या तुम्हें? - कहते हुए उसने रीना की तरफ हाथ बढ़ाया तभी रीना ने तेजी से उसके हाथ पर छुर्री से वार कर दिया।बदमाश के हाथ से खून बहने लगा लेकिन उसकी आंखों में खून उतर आया था। वो गुस्से से तमतमाते हुए चीखा - अब तू नहीं बचेगी। उसने रीना के हाथ पर जोर से प्रहार कर उससे छुर्री छीन ली , रीना झटके से जमीन पर गिर गई। उसका सिर पीछे रखे पत्थर से जोर से टकराया। बदमाश उस पर छुर्री से वार करने ही वाला था तभी एक जोर की आवाज हुई और फिर कुछ पलों के लिए सन्नाटा छा गया |आवाज़ से रीना की आंखें बंद हो गई थी, उसने धीरे से आंखें खोली तो देखा वो बदमाश जमीन पर गिरा था । सबने मुड़कर उस तरफ देखा -जहां से आवाज आई थी - गोली चलने की आवाज।
अंधेरे में बस एक साया दिख रहा था - बंदूक ताने हुए | जब वो पास आ गया तो सब के मुंह खुले के खुले रह गए | गोली चलाने वाला कोई और नहीं, वो ' पागल भिखारी ' था। रीना उसे एकटक देखती जा रही थी, जिसके ख्याल से ही वो सिहर उठी थी, जिसकी अपने आसपास मौजूदगी से भी वो बचना चाहती थी, उसी ने आज मसीहा बनकर उसकी जान बचाई थी।
उस पागल ने बंदूक की नोक पर बदमाशों को एक कमरे में बंद कर दिया।तभी वहाँ पुलिस भी आ गई | रीना की आंखों के आगे अंधेरा छा गया और वो बेहोश हो गई।
अगली सुबह जब रीना की आंखें खुली तो वो हॉस्पीटल में थी। रीना ठीक होते ही शॉटकर्ट वाली सड़क पर गई। वो उस पागल से मिलकर उसे शुक्रिया कहना चाहता थी । अब रीना को समझ आ रहा था कि वो पागल उसका पीछा नहीं करता था बल्कि उसे प्रॉटेक्ट करता था | शायद उसे वहाँ मौजूद खतरे के बारे में पता था | लेकिन जब रीना वहां पहुंची तो ' वो ' उसे वहां नहीं मिला। रीना कुछ दिन लगातार वहां जाती रही लेकिन अब ' वो ' वहां नहीं था। उसने जब वहां आस-पास के लोगों से उसके बारे में पूछा तो सबका एक ही जवाब था कि उस रात के बाद किसी ने भी उसे नहीं देखा।
आज भी जब रीना उस शॉटकर्ट वाली सड़क से गुजरती है तो उसकी निगाहें उसे ही ढूंढती रहती हैं।वो यही सोचती है कि - वोआखिर कहां से आया था वो बंदूक उसके पास कहाँ से आई और कहां चला गया आखिर कौन था - ' वो ' ?
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kumudsoni0829
Nice story ns concept
bitu6372
palak keswani
Description in detail *
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