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Aankhon Ka Indradhanush / आँखों का इंद्रधनुष कविता संकलन / Kavita Sankhalan

Author Name: Ishwar Chandra Mishra | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

आँखों का इंद्रधनुष
जीवन भावनाओं, स्मृतियों और क्षणभंगुर पलों का एक विस्तृत रंगमंच है — जहाँ हर रंग अपनी विशिष्टता लिए हुए भी मानवीय अनुभूति में समा जाता है। आँखों का इंद्रधनुष इन्हीं सूक्ष्मताओं की काव्ययात्रा है, जहाँ देखा हुआ और महसूस किया हुआ एकाकार हो जाता है। ईश्वरचंद्र मिश्र की कविताएँ बचपन के गाँव की महक, रिश्तों की अनकही गूँज और पितृत्व की मधुर अस्त-व्यस्तता को शब्द देती हैं — जैसे उनके नाती उनके लिखने को 'होमवर्क' समझ बैठते हों।

यहाँ शब्दों में वह चित्रात्मकता है जहाँ अनकहा भी उतना ही सार्थक है जितना कहा गया। एक मध्यकालीन दोहा गूँजता है: "सर्व ढँके सोहत नहीं, उघरे होत कुवेश... अर्ध ढँके सोहत अति, कवि-अक्षर कुच केश।" मिश्र की रचनाएँ इसी द्वंद्व को जीती हैं — खुशी और विषाद, जड़ें और बेचैनी — आशा के विस्तृत आकाश के नीचे।

प्रियजनों और साहित्यिक साथियों के सहयोग से बना यह संग्रह आत्मचिंतन और कलात्मक संवेदना का संगम है। आँखों का इंद्रधनुष केवल कविताएँ नहीं, बल्कि साधारण पलों को असाधारण प्रकाश में बदलने वाला एक प्रिज़्म है।
— जीवन के अनदेखे इंद्रधनुषों का उत्सव।

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ईश्‍वरचंद्र मिश्र

ईश्वरचंद्र मिश्र
सहायक निदेशक सह केंद्र प्रभारी के रूप में केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो,
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, बेंगलूर से सेवानिवृत्त।
जन्म तिथि : 10 मई, 1960
साक्षात्कार, कादंबिनी, नवनीत आदि पत्रिकाओं सहित "ओ पिता" साझा कविता संग्रह, "उगता सूरज" साझा कविता संकलन, "समवेत स्वर" साहित्य साधक मंच (वार्षिकांक), शब्दांजलि (स्मारिका) में रचनाएं प्रकाशित।
पूर्व में अनुसंधान अधिकारी केंद्रीय हिंदी निदेशालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली। 
सचिव (अवैतनिक), शब्द साहित्य संस्था, बेंगलूर। साहित्य साधक मंच, बेंगलूर से संबद्ध। 
अनेक पत्र-पत्रिताओं में कविताएं, साहित्य लेख, भाषा चिंतन और संस्कृति विषयक निबंध प्रकाशित।
राजभाषा हिंदी और अनुवाद के लिए अनेक संस्थाओं में संकाय सदस्य और व्याख्यान कर्त्ता।
कविता पुस्तक : "आँखों का इंद्रधनुष", 
"अतीत की रूनझुन"

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