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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमैं शायर नहीं हूँ मैं कारोबारी हूँ, मैं यादों का कारोबार करता हूँ और इस कारोबार के चलते मैंने ना जाने कितने अपनो के जज्बातों और उनकी यादों को महफ़िलो में नीलाम किया है।
उसने कहा था एकबार कि जब मैं तुम्हें छोड़कर चली जाऊंगी तो तुम मेरे बारे में भी लिखकर क्या मुझे भी ऐसे ही बदनाम करोगे जैसे अपनी जिन्दगी में आयी हर एक लड़की को करते हो और मैंने वादा किया था कि मैं तुम्हारे बारे में एक लफ्ज भी नहीं लिखूंगा मगर अफ़सोस इस कारोबार के चलते मैं अपना वादा ना निभा सका और अपनी तमाम शायरी उसी शख्स को ख्याल में रखकर लिखता हूँ।
रोना आता है मुझे अपने इस मुकाम पर क्योंकि मैं हमेशा के लिए किसी एक का बनकर नहीं रह पाया।
रवि खटाना ( फरेबी शायर )
लिखता हूँ इसलिए जज़्बाती नहीं हूँ,
जज्बाती हूँ इसलिए लिखता हूँ।
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