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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
दिवाली दीयों का त्योहार है। भारत में श्री रामचंद्र जी के वनवास से लौट आने की खुशी में मनाया जाता है।
हमारा Words of Soul Publications पेश करते है इस त्योहार पर लिखित एक बेहतरीन और सुंदर विचारों से भरी आकाश और अनमोल की संकलित किताब।
ये किताब विशेष रूप से दिवाली के उपलक्ष पर लिखी गई है। इसकी महानता है ये है कि अनेक धर्मों के लेखकों ने इसमें हिस्सा लेकर इसे और बेहतरीन बनाया है।
हमें उम्मीद है कि आप हमारे बेहतरीन लेखकों के विचारों को पढ़ेंगे और साथ ही अपने जीवन में उतारेंगे। ये किताब बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदुओं को इंगित करता है। इसमें त्योहार का उल्लास है तो साथ ही पर्यावरण की चिंता भी शामिल है।
कृपया जरूर पढ़े इस बेहतरीन पुस्तक को, और हमारे पहले प्रयास लो सराहें।
धन्यवाद।
आकाश चौरसिया & अनमोल कौलधर, Reshma Kausar Mohideen, Meetu Jain, Bishakha Kumari Saxena, Shruti Dahikar, Nikhil Jain, Anita Rohlan, Beena Shah, Roshni Kotwani, Aarti Upadhyay, Kajal Shirke, Manisha Sharma, Antara Choudhury, Trishna Chakraborty, Ritu, Angarika, Anoop Verma, Rajiv Roshan, Dr. Nikita Dudagi, Juhi Sharma, Shivam Kumar
अनमोल कौलधर बारहवीं कक्षा की छात्रा है। वह पंजाब प्रांत की रहने वाली है। वह सिर्फ 16 वर्षीय है और लॉकडाउन के इन्होंने लिखना शुरू किया है। ये अब तक बहुत Anthology में लिख चुकी है। अब इन्होंने किताबों का संकलन शुरू किया है, और ये इनकी पहली संकलन है। वो अपने जज्बातों को बहुत ही बेहतरीन ढंग से लिखकर बयान करती है। ये अपने जिंदगी के हर पल को हसीन बनाना चाहती है और सफलता की ऊंचाई तक जाना चाहती हैं। व्यवहार की बात करे तो वो लाजवाब है, सबसे मैत्रीपूर्ण बात करती है और साथ ही मदद करने का पूरा प्रयास करती हैं।
लेखक आकाश चौरसिया, मूलतः ये आज़मगढ़ के निवासी है परंतु अध्ययन कार्यों की वजह से लखनऊ में शरण लिए हुए हैं। जिन्होंने अपनी इंटरमीडिएट केंद्रीय विद्यालय लखनऊ से की है। ये वाणिज्य के छात्र है और प्रमुख रूप से हिंदी में ही लेखनी करते हैं। ज्यादातर ये हास्य कविताएँ लिखते हैं, इनके रचनाओं में हास्य एक अभिन्न अंग है फिर चाहे माहौल दुख भरा ही क्यों न हो। अब इन्होंने सौ से ज्यादा अंथोलॉजि में लिखा है। ये एक कम्पाइलर, ब्राण्ड अम्बेसडर भी है NLHF नाम के प्रकाशन में। इनका ख़्वाब है कि काश कभी ये पूरा संसार घूम सकेंगे!
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