Share this book with your friends

Happiest (Sada Prasanna Rahne Ka Mool Mantra) / हैप्पीएस्ट (सदा प्रसन्न रहने का मूल मंत्र) (सदा प्रसन्न रहने का मूल मंत्र)

Author Name: Raj Rishi Sharma | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

जीवन हर किसी के लिए भिन्न-भिन्न अनुभवों, कहानियों और संघर्षों का संगम है। इसी जीवन के अनगिनत रंगों में से ‘आनंद’ या ‘प्रसन्नता’ वह रंग है, जिसे हम सबसे अधिक खोजते हैं। मेरी पुस्तक ‘हैप्पीएस्ट’ इसी खोज की यात्रा पर आधारित है।

यह पुस्तक केवल एक विचार नहीं है, बल्कि मेरा और आप सभी का जीवन के प्रति एक प्रतिबिंब है। इसे लिखते समय मैंने केवल एक ही प्रश्न अपने आपसे पूछा—क्या सच में ‘प्रसन्नता’ कोई अंतिम गंतव्य है, या यह हमारे प्रतिदिन के जीवन की एक छोटी-सी परछाई है जिसे हम कभी-कभी अनदेखा कर देते हैं?

पुस्तक का हर अध्याय उन क्षणों को संजोने की प्रयास करता है जो हमें ‘प्रसन्न’ बनाते हैं—चाहे वह छोटी-छोटी जीत हों, किसी प्रियजन के साथ बिताया गया समय, या अपने अंदर की शांति। यह उन पाठकों के लिए है, जो शायद प्रतिदिन की भागदौड़ में भूल चुके हैं कि प्रसन्नता वास्तव में छोटे-छोटे पलों में छुपी होती है।

‘हैप्पीएस्ट’ लिखने का उद्देश्य न केवल हमें प्रेरित करना है, बल्कि यह भी दिखाना है कि प्रसन्नता बाहरी परिस्थितियों से अधिक, हमारी अपनी मानसिकता पर निर्भर करती है। मैंने अपने जीवन और अपने आसपास के अनुभवों से कई कहानियां और उदाहरण साझा किए हैं। आप पाएंगे कि वास्तविक प्रसन्नता पाने के लिए  हमें स्वयं को पहचानना और स्वीकार करना होता है।

इस पुस्तक को लिखते समय, मैंने महसूस किया कि प्रसन्नता की सबसे खास बात यह है कि इसे पाने के लिए हमें किसी जादू की आवश्यकता नहीं है। जो लोग दूसरों को प्रसन्नता बांटते हैं, वे स्वयं  सबसे ‘हैप्पीएस्ट’ होते हैं।

Read More...
Paperback

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
Write your review for this book

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

राज ऋषि शर्मा

राज ऋषि शर्मा हिंदी, डोगरी और अंग्रेजी भाषाओं के बहुमुखी प्रतिभाशाली लेखक, पत्रकार और चित्रकार हैं। उन्होंने अब तक विभिन्न विधाओं में 29 पुस्तकें लिखी हैं, जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा है। वे मुख्य रूप से हिंदी में लिखते हैं। उनकी कई रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और संग्रहों में प्रकाशित हुई हैं और आकाशवाणी पर भी प्रसारित की गई हैं।

1975 में उन्होंने 'महक' और 2022 में 'महकती वाटिका' नामक पत्रिकाओं का संपादन और प्रकाशन किया। 1977 में उन्होंने 'राजर्षि कल्चर क्लब' का भी संचालन किया। वर्तमान में, वे 'महकती वाटिका' नामक काव्य संग्रहों की श्रृंखला का संपादन और प्रकाशन कर रहे हैं।

राज ऋषि शर्मा को 'साहित्यालंकार' और 'साहित्य श्री' जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।

Read More...

Achievements

+9 more
View All