“ गंगा सा नाम है उसका यमुना सी वो पावन है,
साथ चले वो छण भर भी तो, हर वन वृंदावन है”
कुछ अधूरे ख़्वाब, वृतांत श्रंखला की दूसरी पुस्तक है| इस श्रंखला की पहली पुस्तक थी, आत्म विश्वास, जो की एक प्रेरणादायक यात्रा थी| ये पुस्तक प्रेम और कई अन्य विषयों पे आधारित है| इस पुस्तक में लेखक ने अपने जीवन के कई खट्टे मीठे संस्मरणों को कलम से उतारा है, फिर चाहे मोहब्बत हो, दोस्ती हो, पितृ प्रेम हो या फिर मात्र प्रेम| इस पुस्तक में सब कुछ कूट कूट के मिलेग