'कुछ ख्वाब अधूरे मेरे भी’ काव्य संग्रह सेजल वैश्य जी की पहली पुस्तक है। इस कविता संग्रह की कविताएँ लेखिका के कुछ अपूर्ण ख्वाबों से उपजी हुई हैं। कविता मन के भावों को व्यक्त करने का सर्वोत्तम तरीका है, लेखिका ने इस पुस्तक में अपने मन की उड़ान को शब्दों की माला में पीरोकर अन्तःकरण का एहसास दिलाया है। इस पुस्तक की पंक्तियाँ मनुष्य के मन की सोच, हौसला, अभिलाषा, चंचलता, भावुकता, प्रेम, त्याग, संबंधो की व्याकुलता, महत्वता को दिशा प्रदान कर रही हैं, जीवन के प्रति आत्मविश्वास को बढ़ा रही हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य जीवन के बहुआयामी रूपों से हर व्यक्ति को रूबरू कराते हुए अपने हर सपने को पूरा करने की ललक को बल देना है फिर चाहे उसके लिए कुछ भी त्यागना पड़ जाए क्योंकि ‘कुछ खोना है तो कुछ पाना है, जीवन का खेल पुराना है'!
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners