आचार्य रमानाथ झा हेरिटेज सीरीज के तहत वर्ष 2019 में दरभंगा में बारह महीने में बारह स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। आचार्य रमानाथ झा मिथिला के आधुनिक विद्वानों में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं, जिन्होंने मैथिली भाषा और साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन के लिए काफी महत्त्वपूर्ण कार्य किया। यह व्याख्यानमाला उन्हीं के और उन्हीं की तरह अन्य मैथिलों का स्मृति-तर्पण है। हर माह में एक विस्मृत मैथिल महापुरुष को स्मरण करते हुए उनके नाम से स्मृति-व्याख्यान का आयोजन किया गया। ये स्मरणीय व्यक्ति जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से लिये गये एवं मिथिला में इनके अवदान को स्मरण करते हुए तर्पण किया गया। इन स्मरणीय व्यक्तियों का अवदान अपने-अपने क्षेत्र में अतुलनीय रहा है।
फिर भी समय की धारा में समाज ने इन्हें विस्मृति की खोह में धकेल दिया है। इसमाद फाउंडेशन ने इन विस्मृत पुरखों के नाम पर एक-एक स्मृति-व्याख्यान आयोजित कर इनके प्रति न केवल स्मृति-तर्पण किया है, अपितु मैथिल समाज की नयी पौध की स्मृति में इन्हें जीवंत करने का प्रयास किया है। इसमाद फाउंडेशन का यह प्रयास प्रशंसनीय है, जिसने विस्मृत महापुरुषों को हमारे मानस पटल पर पुनःस्थापित किया है।
आलेख सूची:
मैथिली भाषा के विकास में मुस्लिम समुदाय का योगदान
आजादी से पहले मिथिला में रेल का विकास
विदेह की राजधानी मिथिला नगर की खोज
आधुनिक चिकित्सा में संगीत
औपनिवेशिक प्राधिकार का आधार : चौकीदार
खंडवलाकालीन मिथिला के युद्ध और योद्धा
मिथिला क्षेत्र में आर्थिक विकास