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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमोहब्बत जब हो जाती हैं ना तो पता नहीं होता जिसे हम से मोहब्बत हो और वो ना कहै तो समझ लेना मोहब्बत हो तुम ! जिंदगी में हमे खुद से ज्यादा चाहने वाला हो ओर कहे कुछ खास नहीं है तो समझ लेना मोहब्बत हो तुम , मुझे जगा कर खुद ना सोये और कहे नींद नहीं आ रही में चाय बना रहा हूँ साथ में चाय पीते है तो समझ लेना मोहब्बत हो !तुम पास आकर भी गले लगाकर भी बाहों मे उठाकर भी दिवानो की तरह चाहकर भी कहे कुछ नहीं है तो समझ लेना मोहब्बत हो तुम ! प्यार करने के लिये जरुरी नहीं मै हमेशा तेरे साथ रहूं आज भी तू मेरे ख्वाब में मेरी घड़कन मे मेरी सांसो मै मेरी रुह में मेरे जहन मे इस कदर है कि मुझे हर जगह तू ही नजर आता है इसलिए तो कहती हूं मेरी मोहब्बत हो तुम पास रहकर हम से मोहब्बत नहीं होती तुम दूर चले जाया करो! दिन में तो सब मिलते है अगर तुम सच्चे आशिक़ हो तो रात में मिलने आया करो रात की चांदनी ओर दिन का उजाला इन दोनो के साथ ही है मिलना हमारा तभी तो कहती हूँ मोहब्बत हो तुम!
अदिति वर्मा
अदिती वर्मा एक लेखक के साथ अभिनेत्री और निर्देशक भी है जिनका जन्म राजस्थान में हुआ और वर्तमान में वह अपने अभिनय के लिए मुंबई में रहती है। अदिती जी का शुरुआत से ही रुझान लेखन की ओर रहा है। उन्होंने पहली कविता कक्षा ६ में लिखी थी। 'खुशियां और सुकून' अदिती जी की पहली किताब है जिसमे उन्होंने अपने ज़िन्दगी में किये अनुभवों को हमारे साथ साझा किया है।
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